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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगाते आए हैं। इन आरोपों का जवाब देते हुए आज केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि गहलोत अपने विधायकों को बार-बार होर्स (बिका हुआ) बताते हैं। अगर मैं उनका विधायक होता तो अन्य विधायकों के साथ उनके घर धरना दे देता। पीयूष गोयल ने कहा कि आप पहले विधायकों को बिका हुआ बताते हो, उसके बाद उन्हीं विधायकों को मंत्री बनाकर राजस्थान की जनता के साथ विश्वासघात करते हो। आप खुद ही आरोप लगाते हो कि विधायक भ्रष्ट हैं, इन्होंने पैसा खा लिया है। पीयूष गोयल ने कहा कि सीएम गहलोत सेल्फ गोल कर रहे हैं। राहुल गांधी के बाद देश की राजनीति में नया व्यक्तित्व उभर रहा है, जो अपने हाथ से अपने ही पांव पर कुल्हाड़ी मारने में माहिर हैं। केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि एक तरफ पीएम मोदी का नेतृत्व है। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान का नेतृत्व है, जो साढ़े 4 साल अपनी कुर्सी के लिए गिड़गिड़ाता रहा। यहां ऐसा नेतृत्व है जो अपने नेताओं की बात नहीं सुनता, तो कार्यकर्ताओं की कैसे सुनेगा। यहां ऐसा नेतृत्व है जो आपसी झगड़ों को ही नहीं सुलझा पाया। जो अपने ही विधायकों पर करोड़ों रुपए लेने का आरोप लगाता है। जो राजस्थान का विकास नहीं करके केवल अपने बचे हुए दिन गिन रहा है। पीयूष गोयल ने कहा कि प्रदेश का विकास नहीं करना भी एक तरह का भ्रष्टाचार हैं।
बौखला गए हैं गहलाेत
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए कहा- मुझे कल सीएम अशोक गहलोत का बयान सुनकर हंसी आ गई। मेरी छोटी सी विजिट से वो इतना बौखला गए, परेशान हो गए कि उन्हें झूठे आरोप लगाने पड़ रहे हैं पीयूष गोयल ने कहा कि बीजेपी ईमानदारी से अपना काम करती है। बीजेपी को उसके काम की बदौलत जनता का प्यार व समर्थन मिल रहा है। हम जो बोलते हैं वो करते हैं और उसमें भ्रष्टाचार नहीं होता। भ्रष्टाचार अशोक गहलोत के काम में होता है। अशोक गहलोत के बच्चे आज जो काम कर रहे हैं, उनके मंत्री आज जो भ्रष्टाचार कर रहे हैं। अशोक गहलोत को पहले उनको सुधारना चाहिए। दरअसल, रविवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीयूष गोयल पर तंज कसते हुए उद्योगपतियों से चंदा लेने के लिए धमकाने का आरोप लगाया था।
महंगाई राहत कैंप पर साधा निशाना
केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साढ़े 4 साल तो कुछ नहीं किया। वहीं अब सीएम गहलोत राहत देने के नाम पर लोगों से पंजीकरण कराकर उन्हें बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उज्जवला योजना का सारा डेटा प्रदेश सरकार के पास है। अगर सरकार को राहत ही देनी थी तो वे डेटा के अनुसार सभी लोगों के खाते में पैसे ट्रांसफर करते। पहले से पंजीकृत लोगों का पंजीकरण करने का क्या मतलब। गहलोत केवल कुछ लोगों के अकाउंट में सिलेंडर की सब्सिडी ट्रांसफर करके सोचते हैं कि वे चुनाव जीत जाएंगे। लेकिन ये राजस्थान की जनता है। यह सब जानती है, ये अब आपके झांसे में आने वाली नहीं है।
गहलोत ने कहा था- उनका चंदा मांगने का अलग तरीका
दरअसल, गहलोत ने रविवार को कहा था कि उनका (पीयूष गोयल) तरीका बताऊं आपको, उनका तरीका है चंदा मांगने का। उद्योगपति के घर पर जाएंगे और कहेंगे कि आपका नाम अप्रूव हो गया है। हर किसी से तो हम चंदा लेते ही नहीं है। आप लकी हो। आपका नाम ऊपर से अप्रूव हो गया है। उद्योगपति बोलेगा बैठे चाय पीओ भाई। कितना चाहिए? क्या करना है। पीयूष गोयल कहेंगे कि 25 के आसपास दे दो। 2500, 25 हजार या 25 लाख है। ये मुझे पता नहीं है। उसके बाद उद्योगपति कहेंगे कि हम तो 10-12 दे सकते है। फिर वे कहते है कि भाई छोड़ो हमको आप से लेने ही नहीं है। मतलब धमकी। ये पीयूष गोयल है हमारे। इनकी अप्रोच यह है। ये कुछ भी कहते है। इसको हम गंभीरता से लेते नहीं है।
गहलोत सरकार जनता को घूस दे रही: राठौड़
प्रबुद्धजन सम्मेलन को संबोधित करते हुए सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार ने साढ़े चार साल तो कुछ नहीं किया। अब आखिरी दो महीने में राजस्थान की स्वाभिमानी जनता को घूस दी जा रही है। हम राहत देने के लिए ये कर रहे हैं… वो कर रहे हैं…उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद को जादूगर बताते हैं। जादूगर मंच पर आता है, अपना दाहिना हाथ उठाता है। सभी का ध्यान उसके हाथ की तरफ होता है। लेकिन, असल में घोटाला तो बांए हाथ से हो रहा होता है। गहलोत सरकार भी जनता को राहत के नाम पर भ्रमित करने का प्रयास कर रही है।