रिपोर्ट टाइम्स।
राजस्थान के लोक निर्माण विभाग (PWD) के इंजीनियर दीपक कुमार मित्तल के खिलाफ एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई छापेमारी ने एक बड़ा रहस्य उजागर किया है। जांच एजेंसी ने मित्तल की असली संपत्ति का पर्दाफाश करते हुए पाया कि उनकी कमाई से कहीं अधिक संपत्ति का पता चला है,
जो 205 प्रतिशत ज्यादा है। जोधपुर, जयपुर, उदयपुर और हरियाणा के फ़रीदाबाद में स्थित मित्तल के छह ठिकानों से 17 प्लॉट और ₹50 लाख की नकदी बरामद की गई है। यह खुलासा न केवल मित्तल की संपत्ति के साम्राज्य को उजागर करता है, बल्कि एक बड़ा सवाल भी खड़ा करता है…क्या यह केवल शुरुआत है या और राज़ सामने आने वाले हैं?
राज्यभर में फैली संपत्ति की जांच
दीपक कुमार मित्तल ने राज्यभर में अपनी संपत्ति का साम्राज्य फैला रखा था। जयपुर में करोड़ों के चार प्लॉट, उदयपुर में 1.50 करोड़ रुपये से ज्यादा के दस प्लॉट, और ब्यावर व अजमेर में भी लाखों की संपत्ति मिली। इतनी संपत्ति कैसे अर्जित की गई, ये सवाल अब सबके मन में गूंज रहे हैं।
नकद, सोना, चांदी…बैंक खातों का खुलासा
जांच के दौरान जयपुर के बरकत नगर स्थित उनके घर से 50 लाख रुपये नकद, आधा किलो सोना, और डेढ़ किलो चांदी बरामद हुई। इससे साफ़ होता है कि आरोपी ने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए काफ़ी मेहनत की है। इसके अलावा, मित्तल के पास 18 बैंक खाते हैं जिनमें 40 लाख रुपये जमा हैं, और म्यूचुअल फंड्स में भी 50 लाख रुपये का निवेश दिखा है।
एसीबी की कार्रवाई… लगातार जांच
एसीबी के डीजी रवि प्रकाश मेहराड़ ने कहा कि गोपनीय जांच के बाद यह कार्रवाई की गई थी, और अब भी कई और संपत्तियां सामने आ सकती हैं। मित्तल के खिलाफ़ छापेमारी की कार्रवाई पूरी तरह से जारी है, और मामले की गंभीरता के मद्देनज़र अधिक तथ्य सामने आ सकते हैं।