Report Times
latestOtherकरियरजयपुरटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिराजस्थानविधानसभा चुनावस्पेशल

गजब! चुनाव लड़ने के लिए मंत्री के पति ने सरकारी पहाड़ की जमीन पर ले लिया लोन

REPORT TIMES 

Advertisement

राजस्थान में विधानसभा चुनाव की तिथि का ऐलान होने के बाद सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में जुटी हैं. बीजेपी, कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर रही हैं. टिकट पाने के बाद प्रत्याशी भी क्षेत्र में घूम-घूमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं. इसी बीच एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. डीग जिले के कामां विधानसभा क्षेत्र की विधायक और गहलोत सरकार में मंत्री जाहिदा खान के पति ने पहाड़ की 15 बीघे सरकारी जमीन को अपने नाम आवंटित करा लिया. इसकी जानकारी तब हुई जब एक सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की. जानकारी के मुताबिक, कामां विधानसभा क्षेत्र के गढअजान गांव में मंत्री जाहिदा खान की ससुराल है. सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बताया कि मंत्री जाहिदा खान के पति जलीश खान ने प्रशासन से सांठगांठ कर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के आदेशों को दरकिनार करते हुए नियम विरुद्ध तरीके से पहाड़ की 15 बीघा सरकारी भूमि जिस पर ईदगाह बनी हुई, अपने नाम आवंटित करा लिया. विजय मिश्रा ने भूमि के आवंटन को निरस्त करने की मांग की.

Advertisement

Advertisement

सामाजिक कार्यकर्ता ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की शिकायत

Advertisement

सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा ने बताया कि प्रशासन ने गांव गढ़अजान में पहाड़ की 15 बीघा भूमि को जलीश पुत्र हनीफ के नाम आवंटित कर दिया है. उक्त भूमि एक पहाड है, जो कृषि योग्य नहीं है. आवंटन के समय इस भूमि पर ईदगाह बनी हुई थी, जिसकी चारदीवारी सहित अन्य निर्माण हो रहा था. इसका आवंटन नियमानुसार नहीं किया जा सकता. उक्त भूमि पर ईदगाह निर्माण होने के बाद आज तक कभी खेती नहीं की गई, फिर भी राजनैतिक दबाव में राजस्व कर्मचारियों ने फर्जीवाड़ा करते हुए पहाडड की भूमि पर फसल काश्त होना बता दिया और शिक्षा राज्यमंत्री के पति जालिश ने उस पर कृषि कार्ड जारी कराकर लोन उठाया है, जो नियम विरूद्ध है.

Advertisement

मंत्री के पति ने राजनीतिक प्रभाव का किया इस्तेमाल

Advertisement

जलीश ने अपनी पत्नी जाहिदा खान के राजस्थान सरकार में शिक्षा राज्यमंत्री बनते ही अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए इस भूमि का सैटलमेन्ट विभाग से किस्म परिवर्तन करा कर बारानी दर्ज करा लिया है. इससे पूर्व भी पंचायत समिति कार्यालय की भूमि को भी मदरसे के नाम दाखिल खारिज चढ़ाने का मामला भी काफी सुर्खियां बटोर चुका है. हालांकि अभी वक्त चुनावों का है, जिस कारण लोग हिम्मत कर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं.

Advertisement

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?

Advertisement

कहीं-कहीं मंत्री पति को मुर्दाबाद के नारों का सामना कर काले झंडों को भी देखना पड़ रहा है. राजस्थान हाईकोर्ट की अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल रहमान प्रकरण में स्पष्ट आदेश जारी कर रखे हैं कि किसी भी गैर मुमकिन पहाड़, रास्ते और नदी, तालाब व कैचमेंट किस्म की भूमि का आवंटन नहीं किया जाए.

Advertisement
Advertisement

Related posts

इस ट्रेलर में संजय दत्त दिखे नए लुक में, ट्रेलर को टी-सीरीज ने अपने यूट्यूब चैनल से किया लॉन्च

Report Times

समंदर की रखवाली करेगी ‘शब्दभेदी’ मिसाइल, नौसेना को मिली नई ताकत

Report Times

गायत्री शक्तिपीठ के वार्षिकोत्सव पर मंत्रों की आहुतियों  की गूंज से बना भक्तिमय माहौल

Report Times

Leave a Comment