Report Times
latestOtherखाटूश्यामजीटॉप न्यूज़ताजा खबरेंधर्म-कर्मराजस्थानसीकरस्पेशल

खाटूश्यामजी में ‘इत्र’ ले जाने पर लग गई पाबंदी? कलेक्टर की अपील पर मंदिर कमेटी ने दिया ये जवाब

REPORT TIMES : राजस्थान के सीकर जिले के रींगस स्थित खाटूश्याम में बाबा श्याम को लेकर बड़ी खबर आई है. अब बाबा श्याम के दरबार में चढ़ाए जाने वाले गुलाब के फूल और इत्र को लेकर मंदिर समिति और प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है. क्योंकि बाबा श्याम के दरबार में आने वाले भक्तों द्वारा लाया जाने वाला प्रसाद अब मंदिर समिति के लिए परेशानी का सबब बनने लगा है. जिससे कई बार काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसलिए हाल ही में इसमें कुछ बदलाव करने की बात कही गई है, इसके लिए मंदिर समिति और कलेक्टर मुकुल शर्मा ने देशभर से आने वाले श्याम भक्तों से अपील की है.

कलेक्टर ने क्या अपील की है?

कलेक्टर मुकुल शर्मा ने देशभर से खाटूश्यामजी आने वाले श्याम भक्तों से बड़ी अपील की है. उन्होंने कहा कि बाबा श्याम के दर्शन करने वाले श्याम भक्त इत्र की कांच की बोतलें न लाएं और अगर श्रद्धा से लाते भी हैं तो उन्हें बाबा श्याम की ओर न फेंके. क्योंकि इन्हें फेंकने से कई श्याम भक्त घायल हो जाते हैं, वहीं अगर बोतल टूट जाती है तो उसके कांच के टुकड़े पैरों में भी चुभ जाते हैं. जिससे अन्य भक्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कलेक्टर ने मंदिर में चढ़ाए जाने वाले गुलाब के फूलों को लेकर भी कहा है. उन्होंने इस संबंध में कहा कि कांटों वाले गुलाब के फूलों को प्रसाद समझकर न फेंके, अगर ये चीजें लाते भी हैं तो इन्हें अपने पास रखें.

आखिर इन चीजों को न लाने की अपील क्यों की गई?

दरअसल, बाबा श्याम के दरबार में आने वाले भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार बाबा को चढ़ाने के लिए अपने साथ इत्र और गुलाब के फूल ले जाते हैं, लेकिन दूरी अधिक होने के कारण वे बाबा की ओर इत्र की शीशी और गुलाब के फूल फेंक देते हैं. इत्र की शीशी कांच की हो जाती है और उनके कांच बिखर जाते हैं, जो अन्य भक्तों के पैरों में चुभने लगते हैं. वही कई बार कुछ भक्त गुलाब के फूलों के साथ गुलाब की कांटेदार डंडी भी बाबा की ओर फेंक देते हैं, जो अन्य भक्तों के पैरों में चुभ जाती है. लगातार हो रही ऐसी घटनाओं के बाद श्री श्याम मंदिर कमेटी ने इत्र की शीशी न फेंकने की अपील की है, लेकिन श्याम भक्त अपनी आस्था का रूप मानकर इन चीजों को लेकर मंदिर आते रहते हैं. अब जिला प्रशासन इस पर थोड़ा सख्त होता नजर आ रहा है.

कहां से हुई शुरुआत

धार्मिक परंपराओं के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बाबा श्याम को इत्र, फूल आदि बहुत पसंद हैं, जिसके चलते प्राचीन प्रथा के अनुसार जब बाबा की थाली में धूप रखी जाती थी, तो वह इत्र बाबा को अर्पित किया जाता था, लेकिन अब लगातार बढ़ती भीड़ और 14 लाइनों में दर्शन करने के बाद ऐसा संभव नहीं हो पाता, जिसके चलते भक्त फिर बाबा की ओर इत्र और गुलाब फेंकते हैं और यही कारण है कि भक्तों को ठेस पहुंचती है.

Related posts

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका के नए प्रधानमंत्री बने रानिल विक्रमसिंघे, इसके पहले भी चार बार संभाली है पीएम पद की कमान

Report Times

चुनावों से पहले ‘थर्ड फ्रंट’ की एंट्री का शोर! कौन साथ आएंगे, किसका बिगाड़ेंगे खेल?

Report Times

23 साल बाद पिता की अस्थियां लेकर हरिद्वार गए थे, लौटते समय हादसा; मृतकों में 2 महिलाएं

Report Times

Leave a Comment