चिड़ावा शहर की बसावट करीबन 450 वर्ष से अधिक पुरानी मानी जाती है। इस काल में यह नगरी पवित्र धार्मिक स्थलों के कारण धर्म नगरी के रूप में ख्यात है। इस नगरी को परमहंस पण्डित गणेश नारायण बावलिया बाबा ने शिवनगरी नाम दिया। श्रावण मास में बात करें शिव नगरी के शिवालयों की तो शहर की परिधि में 100 से अधिक शिवालय स्थित हैं। इनमें भी तकरीबन 40 से अधिक शिवालय 100 साल अधिक पुराने हैं और इनकी अलग विशेष पहचान भी क्षेत्र में हैं। श्रावण मास के दौरान सैकड़ों की संख्या में कावड़िये पवित्र नदियों, सरोवरों, कुंडों आदि से जल लाकर जलाभिषेक करते हैं। लेकिन कॉरोना काल में इस बार कावड़ यात्राएं स्थगित हैं। ऐसे में हम आपको इस प्लेटफॉर्म के जरिए प्रतिदिन दर्शन कराएंगे चिड़ावा के शिवालयों के और बताएंगे उसके इतिहास के बारे में। इस कड़ी की शुरुआत आज हम कर रहे हैं गांधीचौक में स्थित महमियों के शिवालय से।
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…ये है शहर की हृदयस्थली गांधीचौक में स्थित महमियों के मंदिर का प्राचीन शिवालय। प्राप्त जानकारी के अनुसार ये शिवालय तकरीबन 200 से अधिक साल पुराना है। इस शिवालय की विशेष बात ये है की शिवालय के ठीक सामने सत्यनारायण भगवान का मंदिर है। शिवालय में से सीधे मंदिर के गर्भगृह में स्थित भगवान श्रीहरि और माता लक्ष्मी के दरबार के दर्शन होते हैं। ऐसे में क्षेत्र में ये मंदिर काफी ख्यात है। मंदिर में पूजा करने वाले महमिया परिवार की रीना महमिया ने बताया कि उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इस मंदिर में पूजा करता आ रहा है। मंदिर में वैसे तो काफी भीड़ रहती है। लेकिन कॉरोना काल के चलते सरकार के नियमों की पालना की जा रही है। मंदिर में हनुमानजी की पूर्वाभिमुखी प्रतिमा भी स्थापित है। आस्था की इस डगर पर श्रद्धा खूब नतमस्तक होती है। चलेंगे कल फिर एक और नए शिवालय के दर्शनों को…हर हर महादेव