शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं प्राचीन जोशियों की बगीची में।
पूरी स्टोरी देखें वीडियो में तस्वीर पर नजर आ रहे लाल बटन को दबाकर-
https://youtu.be/l8hkzr9vGok
यहां विक्रमी संवत 1923 में चार मरुआ कुएं पर शिवालय और बगीची में हनुमान मंदिर की स्थापना हुई। जोशी परिवार द्वारा स्थापित इस शिवालय में पूरा शिव परिवार विराजा है। शिवालय के ऊपर एक विशाल आकर्षक गुम्बद बना है। ये गुम्बद स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। वहीं कुआं फिलहाल काम नहीं आ रहा। लेकिन चार मरुआ कुआं एक समय पूरे मोहल्ले सहित काफी परिवारों की प्यास बुझाता था। अब आपको शिवालय से नीचे उतरकर ले चलते हैं बगीची में जिसमें ऊंचाई पर बना है हनुमान मंदिर। इस मंदिर की विशेषता ये है कि यहां हनुमानजी की मूर्ति अन्य मूर्तियों से काफी अलग है। इस मूर्ति में हनुमानजी के दोनों कंधों पर श्रीराम और लक्ष्मण विराजे हुए हैं। हनुमानजी के चरणों के नीचे एक राक्षस भी दबा हुआ है। यहां पितरों का मंदिर भी बना है। एक कीर्ति स्तम्भ भी इस मंदिर की गौरव गाथा बखान करता नजर आता है। वहीं बगीची के बाहर प्राचीन पीपल और पिपली लगे हुए हैं। ये अद्भुत संयोग बहुत कम नजर आता है। सौ साल पहले इस पीपल-पिपली का विवाह करवाया गया। पीपल के पास ही बड़ का पेड़ भी लगा है। आस्था के इस धर्म स्थल पर एक बार जरूर आएं और भगवान आशुतोष और रुद्रावतार हनुमान के दर्शन का लाभ लें। अब दीजिए हमें इजाजत.. कल फिर मिलेंगे एक और शिवालय में। हर हर महादेव