सरकार की मंशा पर लग रहा ग्रहण
सेमरियावां/कबीरनगर(यूपी)
नफीस सिद्दीकी
विकास खण्ड सेमरियावां के गांवों में स्थानीय स्तर पर बेहतर सुविधाएं मुहैया कराये जाने के उद्देश्य से मिनी सचिवालय कहे जाने वाले लाखों की लागत से पंचायत भवन का वर्षों पूर्व निर्माण कराया गया था। मरम्मत व देखरेख के अभाव में यह पंचायत भवन खण्डहर के कगार पर हैं। वर्तमान में इनका कोई पुरसानेहाल नहीं है।
सेमरियावां ब्लाक क्षेत्र के गांवों में वर्षों पूर्व लाखों की लागत से स्थापित पंचायत भवन संबंधित जिम्मेदारों की उदासीनता एवं लापरवाही के कारण खण्डहर में तब्दील होकर अपना अस्तित्व खोने के कगार पर हैं। बानगी के लिए दुधारा स्थित पंचायत भवन मरम्मत व देखरेख के अभाव में खण्डहर में तब्दील हो गया है। संबंधित जिम्मेदारों की लापरवाही एवं उदासीनता के कारण दरवाजे, खिड़कियां तथा चहारदीवारी तक गायब हैं। पंचायत भवन के पीछे सरकार की मंशा थी कि गांवों में सार्वजनिक पंचायतों और विकास योजनाओं के संचालन के लिए बैठक हेतु शासन के मंशा के अनुसार अधिकांश ग्राम पंचायतों में पंचायत भवनों का निर्माण कराया गया था। भवन में पूरी साज सज्जा की व्यवस्था करने के साथ ही इसे ग्रामीणों के हित के लिए भी प्रयोग में लाने का निर्देश था। पंचायत भवनों पर ग्राम पंचायत अधिकारी के बैठने की भी व्यवस्था निर्धारित की गई थी। व्यावहारिक रुप से देखा जाय तो अधिकांश ग्राम पंचायतों में प्रयोग न होने के कारण उक्त भवन बेकार साबित हो रहे हैं। ग्रामीण अब्दुल हई, मु. परवेज़ अख्तर,
अ.खालिद, मु. सलमान, जफर आलम, मु. अय्यूब, मौलाना शकील अहमद, शाहिद हुसेन, गिरीश जयसवाल, चुन्नीलाल शर्मा आदि दर्जनों लोगों ने प्रशासन से पंचायत भवन का जीर्णोद्धार कराये जाने की गुहार लगाये हैं।