चिड़ावा। संजय दाधीच
नवरात्र की शुरुआत शनिवार से होने जा रही है। इस पावन अवसर पर घरों में माता दुर्गा की पूजा अर्चना की जाएगी। लेकिन इस बार कॉरोना संक्रमण के चलते शहरभर में करीब 50 से अधिक स्थानों पर पांडालों में इस बार देवी नहीं विराजेगी। वहीं शुक्रवार को बाजारों में नवरात्र पर हर बार रहने वाली रौनक नजर नहीं आई। इसका एक कारण व्यापार मंडल द्वारा त्यौहार की अनदेखी करते हुए अमावस्या का अवकाश घोषित करने का फैसला भी रहा। बाजार बंद की खबर पढ़ने से आसपास के गांवों और शहर के लोग बाजारों में नहीं पहुंचे।
कुंभकारों में हताशा-
वहीं कुंभकारों को भी निराशा हाथ लगी। पूजन के लिए कलश, दोगड़, दीपक, व अन्य पूजन सामग्री की बिक्री पिछले साल के मुकाबले इस बार मात्र 20 फीसदी ही हुई। कुम्भकार बुधराम वर्मा ने बताया कि इस बार तो कंगाली में आटा गीला वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। पहले से ही कॉरोना के चलते सब कुछ ठप्प है। अब नवरात्र में बिक्री निराशाजनक होने से कुंभकारों की माली हालत खराब हो चली है।
रामलीला नहीं होने से निराशा-
इधर हर बार नवरात्र से प्रारम्भ होने वाली रामलीला भी इस बार नहीं हो रही है। ऐसे में रामलीला देखने की उत्सुकता रखने वाले श्रद्धालुओं में भारी हताशा है। लोगों का कहना है कि सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए इस पारम्परिक आयोजन को करने की इजाजत मिलनी चाहिए थी। वहीं श्रीरामलीला परिषद के महेश धन्ना ने कहा कि रामलीला नहीं होने से निराशा जरूर है, लेकिन परिषद दशहरे के दिन शोभायात्रा निकलने पर विचार कर रही है।