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आज मदर्स डे है। मांएं उस नींव की तरह होती हैं जिनके ऊपर सारा घर टिका होता है मगर जब भी बात आती है निवेश की, तो वे तुरंत ही पीछे हट जाती हैं। जबकि महिलाओं को जब वित्तीय साक्षर करने की बात आती है तब तो बहुत ही निराशाजनक प्रतिक्रियाएं मिलती हैं। मेरे जैसे कुछ लोग जो वित्तीय साक्षरता भारतीय पद्धति से बढाने में प्रयासरत हैं उनको उत्साहजनक परिणाम नहीं मिलते परन्तु सत्य यह है की महिलाओं का वित्तीय साक्षर होना उनके और उनके परिवार के लिए बहुत ही अधिक आवश्यक है।
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