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महाराष्ट्र की राजनीति में हर दिन कोई ना कोई धमाका हो रहा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में चाचा-भतीजे की जंग चल रही है, तो दूसरी ओर शिवसेना के दो गुट भी आपस में लड़ रहे हैं. इस सबके बीच शुक्रवार को उद्धव ठाकरे गुट की नीलम गोरहे ने शिंदे गुट का दामन थाम लिया. मौजूदा राजनीतिक हालात को देखें तो यह उद्धव ठाकरे गुट के लिए यह एक बड़ा झटका है.मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में नीलम गोरहे ने शिवसेना (शिंदे गुट) ज्वाइन की. नीलम महाराष्ट्र विधानपरिषद में उपनेता हैं, वह पुणे से आती हैं और पिछले दो दशक से एमएलसी हैं.
शिवसेना के दोनों गुटों में आर-पार
एक तरफ शिंदे गुट लगातार अपने दल में लोगों को शामिल कर रहा है, दूसरी ओर उद्धव गुट में भी हलचल मची है. शुक्रवार को शिवसेना सांसद संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने बड़ा दावा किया. संजय राउत ने दावा किया कि करीब डेढ़ दर्जन विधायक उनसे संपर्क कर चुके हैं, वह अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. संजय राउत ने एक और अहम जानकारी दी. चर्चाएं चल रही हैं कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एकजुट हो सकते हैं, इसपर संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वो दोनों भाई हैं, ऐसे में उनको साथ आने के लिए किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है.
महाराष्ट्र में जारी है राजनीतिक दंगल
बता दें कि कुछ दिनों पहले अजित पवार ने अपने साथ कई विधायकों को लेकर शिंदे-फडणवीस सरकार को ज्वाइन कर लिया था. अजित पवार अब महाराष्ट्र सरकार में उप-मुख्यमंत्री हैं, जबकि उनके साथ आए 8 अन्य नेताओं को मंत्री बनाया गया है. एनसीपी के अजित पवार गुट का दावा है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है, दूसरी ओर शरद पवार के पास एक दर्जन के करीब विधायक हैं. एकनाथ शिंदे की बगावत के वक्त जिस तरह शिवसेना दो धड़ों में बंट गई थी, उसी तरह एनसीपी का भी हाल हुआ है. लोकसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में विपक्ष के बीच लगी सेंध के बाद ही हलचल तेज हुई है. कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के बीच अब गठबंधन को आगे ले जाने की चुनौती है.