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Chaitra Navratri 2nd Day 2024: नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त-पूजा विधि, मंत्र और आरती

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Chaitra Navratri 2nd Day 2024: आज नवरात्रि का दूसरा दिन है. आज माता दुर्गा के दूसरे स्वरूप ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाएगी. यहां ‘ब्रह्म’ शब्द का अर्थ तपस्या से है और ‘ब्रह्मचारिणी’ का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली. देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करने वाले व्यक्ति को अपने हर कार्य में जीत हासिल होती है. वह सर्वत्र विजयी होता है. अगर आप भी किसी कार्य में अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं तो आज आपको देवी ब्रह्मचारिणी के इस मंत्र का जप जरूर करना चाहिए. मां ब्रह्मचारिणी देवी की कृपा से उसे सर्वत्र सिद्धि और विजय की प्राप्ति होती है. इस दिन साधक का मन ‘स्वाधिष्ठान ’चक्र में शिथिल होता है। इस चक्र में अवस्थित मनवाला योगी उनकी कृपा और भक्ति प्राप्त करता है. आइए जानते है ज्योतिषाचार्य पंडित पीयूष पाराशर से मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की पूजा से जुड़ी सबकुछ-

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मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप

मां ब्रह्मचारिणी के दो हाथों में से दाहिने हाथ में जप माला और बाएं हाथ में कमंडल है. मां ब्रह्मचारिणी का स्वरूप सफेद वस्त्र धारण किए हुए है, इनकी पूजा से व्यक्ति के अंदर जप-तप की शक्ति बढ़ती है. मां ब्रह्मचारिणी अपने भक्तों को संदेश देती हैं कि परिश्रम से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठिन तपस्या की थी, इसलिए इन्हें तपश्चारिणी भी कहा जाता है. मां ब्रह्मचारिणी कई हजार वर्षों तक जमीन पर गिरे बेलपत्रों को खाकर भगवान शंकर की आराधना करती रहीं और बाद में उन्होंने पत्तों को खाना भी छोड़ दिया, जिससे उनका एक नाम अपर्णा भी पड़ा.

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मां ब्रह्मचारिणी पूजा विधि

नवरात्रि के दूसरे दिन प्रात:काल उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद मंदिर को साफ करें और चारों तरफ गंगाजल छिड़क लें. अब माता रानी को फूल, चंदन, अक्षत, रोली, पान, सुपारी और लौंग अर्पित करें, इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को पंचामृत और चीनी या गुड़ वाली मिठाई का भोग लगाएं. अब माता रानी की आरती उतारें और मां ब्रह्मचारिणी के मंत्रों का जाप करें.

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मां ब्रह्मचारिणी की पूजा मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।

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देवी ब्रह्मचारिणी का मंत्र इस प्रकार है-
‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नम:’ आज आपको इस मंत्र का कम से कम एक माला, यानि 108 बार जप करना चाहिए, इससे विभिन्न कार्यों में आपकी जीत सुनिश्चित होगी.

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