पुष्कर। रिपोर्ट टाइम्स।
अजमेर के पुष्कर में अधिवक्ता पुरुषोत्तम की हत्या के बाद वकीलों ने शनिवार को विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन को हिला कर रख दिया। इस दौरान कई स्थानों पर तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं, और सरकार के अनदेखे रवैये के कारण वकीलों ने हाईवे और रेलवे ट्रैक बंद करने की धमकी दी। वकीलों के सख्त अल्टीमेटम के बाद रविवार को प्रशासन और वकीलों के बीच सहमति बन गई, जिसके बाद वकीलों ने आंदोलन को समाप्त करने का फैसला किया।
डीजे बंद करवाने को लेकर हुआ विवाद
2 मार्च की रात को अजमेर के पुष्कर में अधिवक्ता पुरुषोत्तम ने तेज आवाज में बज रहे डीजे को बंद करवाने के लिए पड़ोसियों के पास गए थे। इस पर कुछ लोगों ने उनका विरोध किया और उन्हें बेरहमी से पीट दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इसके बाद अजमेर में वकील समुदाय में आक्रोश फैल गया और वकीलों ने सरकार से परिवार के लिए मुआवजा, सरकारी नौकरी, और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
अजमेर में वकीलों का उग्र प्रदर्शन
मृतक अधिवक्ता के प्रति न्याय की मांग करते हुए, अजमेर में वकीलों ने शनिवार को उग्र प्रदर्शन किया। वकील समुदाय ने शहर के कई हिस्सों में बंद का आह्वान किया, जिसके चलते बाजार बंद रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। कुछ स्थानों पर दुकानों में तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं और वकीलों ने धमकी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे स्टेट हाईवे और रेलवे ट्रैक जाम करेंगे।
सरकार से सहमति और आंदोलन समाप्ति
वकीलों की चेतावनी और संघर्ष के बाद, सरकार और मृतक के परिवार के बीच कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी। मृतक के परिवार के एक सदस्य को संविदा पर नौकरी दी जाएगी, परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा, और घटना स्थल के पास स्थित शराब के ठेके को हटाया जाएगा। इसके अलावा, मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का भी फैसला लिया गया। इन सहमतियों के बाद वकील समुदाय ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।