REPORT TIMES : सीपी राधाकृष्णन भारत के नए उपराष्ट्रपति बन गए हैं. मंगलवार को एकतरफा मुकाबले में एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन ने विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 प्रथम वरीयता के मतों से हरा दिया. निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने नतीजों का ऐलान करते हुए कहा कि सुदर्शन रेड्डी को 300 प्रथम वरीयता के मत मिले, जबकि सीपी राधाकृष्णन के पक्ष में 452 वोट पड़े. बड़ी चीज यह है कि वोटिंग खत्म होने के बाद कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया था कि वोटिंग में विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया. ऐसे में सवाल यह है कि विपक्ष के 15 वोट कहां खिसक गए. इसमें यह भी दिलचस्प बात है कि 15 वोट अमान्य पाए गए. ऐसा दूसरे पेन से वोट डालने से होता है. 2017 में 11 वोट तो 2022 में 15 अमान्य पाए गए थे.
उपराष्ट्रपति चुनावः जानिए कितने पड़े वोट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत 769 सांसदों ने उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान किया. उप राष्ट्रपति चुनाव में कुल 98 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. शाम पांच बजे मतदान समाप्त होने के एक घंटे बाद छह बजे मतगणना प्रारंभ हुई. लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य इस चुनाव में हिस्सा लेते हैं तथा इसमें विप जारी नहीं होता है.
विपक्ष को एकजुट रहने का यकीन
उप राष्ट्रपति पद के लिए सीपी. राधाकृष्णन, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उम्मीदवार हैं, जिनका सीधा मुकाबला विपक्ष के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी से है. मतदान संपन्न होने के साथ ही, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि विपक्ष पूरी तरह एकजुट रहा और उसके सभी 315 सांसदों ने मतदान में हिस्सा लिया.
किसने डाला वोट, कौन अलग रहा
देश के 17वें उप राष्ट्रपति के चुनाव के लिए, निर्वाचक मंडल में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में पांच सीटें रिक्त), तथा 12 मनोनीत सदस्य और लोकसभा के 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में एक सीट रिक्त है) शामिल थे. निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य (वर्तमान में 781) थे. बीजू जनता दल (बीजद), भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने चुनाव से दूर रहने का फैसला किया था.
पीएम मोदी ने सबसे पहले डाला वोट
उप राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान मंगलवार सुबह 10 बजे शुरू हुआ और शाम 5 बजे समाप्त हुआ. प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे पहले मतदान किया. मोदी ने केंद्रीय मंत्री किरेन रीजीजू, अर्जुन राम मेघवाल, जितेंद्र सिंह और एल. मुरुगन के साथ संसद भवन के कमरा संख्या 101, वसुधा में स्थापित मतदान केंद्र में अपना वोट डाला.
शुरुआत में मतदान करने वालों में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश और सैयद नासिर हुसैन शामिल थे. पूर्व प्रधानमंत्री, 92 वर्षीय देवेगौड़ा वीलचेयर पर मतदान केंद्र पहुंचे. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे हाथों में हाथ डाले मतदान केंद्र तक जाते देखे गए.
जेल से वोट डालने पहुंचे इंजीनियर रशीद
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार, एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य नेताओं ने भी मतदान किया. जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद ने भी मतदान में हिस्सा लिया.
क्यों हुए उप राष्ट्रपति चुनाव
संसद के मॉनसून सत्र के दौरान जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका कार्यकाल दो साल बचा हुआ था. उनके इस्तीफे के कारण यह चुनाव हुआ. इस बार दोनों उम्मीदवार दक्षिण भारत से रहे. राधाकृष्णन तमिलनाडु से जबकि रेड्डी तेलंगाना से थे.
कौन हैं राधाकृष्णन
उप राष्ट्रपति पद के एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन तमिलनाडु की एक प्रमुख ओबीसी जाति गौंडर से आते हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की पृष्ठभूमि वाले हैं. राधाकृष्णन को 2023 में झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था और फिर जुलाई 2024 में उन्हें महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था. अपने पूर्ववर्ती धनखड़ के विपरीत, राधाकृष्णन ने राज्यपाल के रूप में विवादास्पद राजनीतिक मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से टिप्पणी करने से काफी हद तक परहेज किया है. वह 1998 में कोयंबटूर से पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए और 1999 में फिर से इस सीट से लोकसभा के लिए निर्विचत हुए थे.
कौन हैं सुदर्शन रेड्डी
विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश हैं और गोवा के लोकायुक्त रहे हैं. वह हैदराबाद स्थित अंतरराष्ट्रीय माध्यस्थम् एवं मध्यस्थता केंद्र के न्यासी बोर्ड के सदस्य भी हैं. रेड्डी जुलाई 2011 में शीर्ष अदालत से रिटायर हुए थे. उन्होंने एक फैसले में, नक्सलियों से लड़ने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गठित सलवा जुडूम को असंवैधानिक घोषित कर दिया था. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में रेड्डी ने विदेश में बैंक खातों में अवैध रूप से रखे गए बेहिसाबी धन को वापस लाने के लिए सभी कदम उठाने के वास्ते एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया था.