चिड़ावा यानी शिवनगरी के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं महाकालेश्वर मंदिर। नाम सुनते ही चौंकिएगा मत। ये उज्जैन वाले महाकाल का मंदिर नहीं बल्कि ये चिड़ावा में अडूकिया स्कूल के पास बना महाकलेश्वर मंदिर है।
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https://youtu.be/COskjVW72Gw
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस स्थान पर वर्तमान में जहां महाकालेश्वर रूप में शिवलिंग विराजित है, उसी स्थान पर पहले पोस्टमार्टम किया जाता था। बाद में मुर्दाघर को अस्पताल के पीछे परिसर में ही स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद मोहल्लेवासियों ने यहां शिवालय बनाने का विचार बनाया। विजय कुमार, मुरारीलाल शर्मा, निरंजन लाल शर्मा और बाबूलाल वर्मा के नेतृत्व में विधिविधान से वर्ष 1989 में यहां मुर्दाघर की जगह महाकाल स्वरूपी शिवलिंग विराजित कराया। पूरा शिव परिवार भी यहां विराजा है। मंदिर के बाहर हनुमानजी का भी मण्ड है। हनुमानजी की सिन्दूरवदन मूर्ति इसमें लगी है। वर्ष में बसंत पंचमी महोत्सव के तहत श्री श्याम नवयुवक मंडल की ओर से महेंद्र मोदी की अगुवाई में भव्य निशान यात्रा निकाली जाती। इसके अलावा अन्य धार्मिक आयोजन भी यहां होते हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शनों को आते हैं। एक बार इस पवित्र स्थल पर आप भी आएं और दर्शन लाभ लें। अब दीजिए इजाजत…कल फिर मिलेंगे एक और शिवालय में…हर हर महादेव