परमहंस पण्डित गणेश नारायण बावलिया बाबा के जन्मदिवस से उनकी पुण्यतिथि तक हम प्रतिदिन आपको करा रहे हैं बाबा की अलग-अलग मूर्तियों के दर्शन। आज हम आपको करा रहे हैं मावण्डिया की ढाणी की ओर जाने वाले रास्ते के मोड़ पर बने चार मरुआ कुएं के द्वार के पास ऊपर लगी बावलिया बाबा की मूर्ति के। प्राप्त जानकारी के अनुसार बावलिया बाबा चिड़ावा में प्रवेश के समय यहां एक प्याऊ बनी थी और एक बरामदा था उसमें रुके थे। उसके बाद उन्होंने चिड़ावा शहर के अंदर प्रवेश किया। इसके चलते जब यहां ये कुआं बना और उसके बाद जब ये दरवाजा बनाया गया तो इसके मध्य में दुर्गा माता और एक तरफ राधा-कृष्ण और दूसरी तरफ बावलिया बाबा की करीब पौने तीन फुट की मूर्ति स्थापित गई। यहां आसपास के दुकानदार बाबा के दर्शन कर ही अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलते हैं। अब दीजिए इजाजत…डडडड
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