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राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर फूट बढ़ती दिख रही है। अशोक गहलोत के खेलमंत्री की सभा में सचिन पायलट के समर्थन में नारेबाजी के बाद अब कांग्रेस समर्थकों को चेतावनी दी गई है कि यदि उन्होंने राजीव गांधी और अशोक गहलोत को छोड़कर किसी तीसरे नेता के पक्ष में नारा लगाया तो जेल में डाल दिया जाएगा। अशोक गहलोत के सलाहकार बाबूलाल नागर ने बकायदा मंच से इसका ऐलान किया। मुख्यमंत्री के आने से पहले उन्होंने चेतावनी दी कि यदि किसी और के समर्थन में नारा लगाया तो पुलिस उठा ले जाएगी। माना जा रहा है कि सचिन पायलट के समर्थन में नारेबाजी ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए यह बात कही गई।
राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल को लेकर डुडु में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी गई। मुख्यमंत्री के सलाहकार ने कहा, ”दो नारे मैंने बताए हैं, राजीव गांधी अमर रहे, अशोक गहलोत जिंदाबाद। तीसरा कोई किसी का नारा नहीं लगाएगा। तीसरा नारा लगाना है तो उठकर जा सकता है, बाद में मुझे दोष मत देना। अगर किसी ने नारा लगा दिया तो पुलिस वाले उठा ले जाएंगे, केस लग जाएगा। केवल आपको ताली बजानी है। नारे केवल दो ही लगेंगे। आपके पड़ोस में कोई गड़बड़ करे तो इशारा करें। पड़ोसी गलती कर दे और जो गलती ना करे वह लपेटे में आ जाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें
खेलमंत्री की सभा में हुआ हंगामा
गौरतलब है कि सोमवार को गहलोत कैंप के माने जाने वाले खेलमंत्री अशोक चांदना की सभा में जमकर हंगामा हुआ। मंत्री के सामने पायलट के समर्थन में नारेबाजी हुई तो कुछ कार्यकर्ताओं ने जूते उछालते हुए हूटिंग की। रात को चांदना ने पूर्व उपमुख्यमंत्री का नाम लेकर उन पर निशाना साधा। चांदना ने कहा, ”मुझ पर जूता फेंकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है। जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूं।”
पायलट के समर्थन में उठ रही आवाज
सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में कांग्रेस के कई नेता अब खुलकर सामने आने लगे हैं। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष राजेन्द्र चौधरी ने भी कह दिया है कि जनता की भावना है कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बने। चौधरी ने सोमवार को मीडिया के सामने कहा, ”राज्य की जनता सचिन पायलट को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है और उन्हें लोग कहते हैं कि हमने तो पायलट को देखकर वोट दिया था। उन्होंने कहा कि वह जो जनता चाह रही है वही बात बिना लाग लपेट के वह बता रहे हैं।” उन्होंने कहा कि जब हमारी सीटें 21 पर आ गई थीं, तब पायलट को राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर भेजा गया और उन्होंने मेहनत की। जब विधानसभा चुनाव हुए तो पायलट ने पार्टी को 21 सीटों से सौ पर पहुंचाया और कांग्रेस की सरकार बनी। छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव हुए तो कांग्रेस सभी 25 लोकसभा सीट हार गई।