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अयोध्या में परखी गई मूर्ति, स्वामी परमानंद ने बताया कैसे दिखते हैं रामलला?

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अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियों जोरों पर चल रही हैं. अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले मूर्ति चयन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. रामलला की कुल तीन मूर्तियां बनाई गई हैं, इनमें से किसी एक मूर्ति का चयन किया जाना है जिसे गर्भगृह में स्थापित किया जाएगा. गर्भगृह में जिस मूर्ति की स्थापित किया जाना है उसका चयन ट्रस्ट के सदस्यों की ओर से जांच परखा जा रहा है. शुक्रवार को ट्रस्ट के सदस्यों ने तीन मूर्तियों को देखा. ट्रस्ट के मेंबर स्वामी परमानंद ने कहा है कि हमने मूर्ति को देखा है. तीनों मूर्तियां इतनी सुंदर बनी हैं कि हम निर्णय नहीं कर पा रहे हैं आखिर किसका चयन किया जाए. उन्होंने कहा कि मूर्ति देखकर भाव विभोर हो गए. एक से एक विलक्षण है कि हृदय गदगद है, बनाने वालो ने ग्रंथ पढ़कर प्रतिमा बनाई है.

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नृत्य गोपाल दास से भी चर्चा करेंगे सदस्य

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मूर्ति चयन को लेकर ट्रस्ट के सभी सदस्यों ने कागज पर लिख कर अपनी पसंद बता दी है. ट्रस्ट के सदस्य मूर्ति चयन को लेकर नृत्य गोपाल दास से चर्चा करेंगे. इसके बाद मूर्ति को लेकर आखिरी फैसला किया जाएगा. रामलला कैसे होंगे के सवाल पर परमानंद ने कहा कि भगवान निश्चल थे, सरल थे, कई ने ग्रंथ पढ़कर मूर्ति को बनाया है. कुछ मूर्ति में भगवान राम के साथ हनुमान खड़े हैं. किसी ने लक्ष्मण के साथ वाली मूर्ति बनाई है.

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अलग-अलग मूर्तियों में रामलला का अलग-अलग स्वरूप

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क्या रामलला धनुर्धर हैं अवस्था में हैं? के सवाल पर स्वामी परमानंद जी ने कहा कि एक मूर्ति में धनुर्धर हैं जबकि एक मूर्ति में स्थिर हैं, आप चाहे तो धनुष हटा दो चाहे तो लगा दो. उन्होंने कहा कि बनाने वालों ने ग्रंथ पढ़कर प्रतिमा बनाई है. बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला का प्राण प्रतिष्ठा किया जाना है.

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प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त हो चुका है तय

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प्राण प्रतिष्ठा के लिए शुभ मुहूर्त भी तय कर दिया गया है. इसके लिए दोपहर 12:29 मिनट 8 सेकंड से 12:30 मिनट 32 सेकंड तक के समय को सबसे शुभ माना गया है. शुभ मुहूर्त को निकालते वक्त हर छोटी से छोटी चीजों का ध्यान रखा गया है. प्राण प्रतिष्ठा के लिए समय को इस तरह से साधा गया है कि उसमें ग्रहों की चाल और उनकी स्थिति का भी पूरा ख्याल रखा गया है.

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