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नीट का पेपर लीक कितने बड़े स्तर पर हुआ? CJI ने पूछे क्या-क्या सवाल

नीट-यूजी मामले में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने सुप्रीम कोर्ट में नया हलफनामा दाखिल किया है, जिस पर आज सुनवाई हो रही है. सीजेआई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ता के वकीलों ने एनटीए की ओर से जारी परिणाम की खामियां गिनाई हैं. इस नए हलफनामे में NTA ने IIT मद्रास के निदेशक के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया है. CJI ने कहा कि आरोपियों के बयानों से संकेत मिलता है कि NEET-UG पेपर लीक 4 मई से पहले हुआ था. वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्ड ने कहा कि हकीकत यह है कि पेपर तीन मई या उससे पहले लीक हुआ. NTA जो पांच मई को पेपर लीक की बात कह रहा है उसमें सच्चाई नहीं है. यह किसी निचले स्तर का काम नहीं है बल्कि इसके पीछे पूरा गैंग शामिल है. संजीव मुखिया और बाकी लोग गिरफ्तार नहीं हुए है. एसजी ने कहा कि चिंटू के बयान के मुताबिक पांच मई को सुबह 10 बजे सॉल्व पेपर मोबाइल पर मिला. उसके बाद प्रश्न पत्र छात्रों को प्रिंट निकालकर याद करने के लिए दिया गया. CJI ने कहा कि आप हमें ऑल इंडिया डेटा के बारे में बताइए जो आपने जारी किया है. इस पर एसजी ने कहा कि हमने बिहार के सेंटर शहर और राज्य के छात्रों के सफलता रेशियो का अध्ययन किया है और इसकी तुलना 2022 और 2023 से की है और इसमें कोई असामान्यता नहीं है.

सीजेआई ने क्या-क्या पूछा?

CJI ने कहा कि अनुराग यादव के बयान से लगता है कि उसे पेपर चार मई को मिल गया था, फिर भी हमें देखना है कि पेपर लीक क्या पटना, हजारीबाग तक ही सीमित था या लीक व्यापक स्तर पर हुआ था? हमारे पास अभी तक कोई ऐसा सबूत नहीं है जिससे यह पता चले कि लीक इतनी व्यापक था और पूरे देश में फैल गया था. हमें यह देखना होगा कि क्या पेपर लीक स्थानीय स्तर पर है और यह भी देखना होगा कि पेपर सुबह 9 बजे लीक हुआ और साढ़े दस बजे तक हल हो गया. अगर हम इस पर विश्वास नहीं करते हैं तो आपको हमें यह दिखाना होगा कि लीक हजारीबाग और पटना से भी आगे हुआ था.

उन्होंने कहा कि आप हमें बताएं कि पेपर लीक कितना व्यापक है. CBI की तीसरी रिपोर्ट से हमें पता चला है कि प्रिंटिंग प्रेस कहां स्थित थी? CJI ने पूछा कि क्या सेंटर इंचार्ज को दोनों बैंकों से पेपर मिलते हैं? एसजी मेहता ने कहा कि किसी सिटी इंचार्ज को यह नहीं बताया जाता कि किस बैंक से पेपर लेना है? सीजेआई ने पूछा कि क्या बैंकों को इस बारे में जानकारी नहीं है. जब SBI को पेपर बांटने थे तो झज्जर इंचार्ज केनरा बैंक कैसे गए और पेपर कैसे लाए, तो क्या कैंडिडेट ने पूरी परीक्षा केनरा बैंक के पेपर में लिखी?

इससे पहले रविवार देर रात दायर एनटीए के हलफनामे में कहा गया कि आईआईटी-मद्रास के निदेशक, जो 2024 में जेईई एडवांस्ड आयोजित करने की जिम्मेदारी रखते हैं, वो एनटीए गवर्निंग बॉडी के पदेन सदस्य हैं. हालांकि, हलफनामे में इस बात पर जोर दिया गया कि एनटीए के मुख्य कार्यों को इसकी प्रबंध समिति द्वारा निष्पादित किया जाता है, जबकि गवर्निंग बॉडी केवल नीतिगत मामलों को संभालती है.

हलफनामे में आगे कहा गया है कि IIT मद्रास के निदेशक ने गवर्निंग बॉडी की बैठकों में भाग लेने के लिए एक अन्य प्रोफेसर को नामित किया था. नामित व्यक्ति ने दिसंबर 2023 में आखिरी बैठक में भाग लिया था. निदेशक ने खुद दिसंबर 2022 के बाद से एनटीए की किसी भी आम सभा की बैठक में भाग नहीं लिया है. दरअसल, पिछली सुनवाई में आईआईटी-मद्रास के निदेशक की रिपोर्ट पर सवाल उठे थे.

याचिकाकर्ताओं ने उठाया था हितों के टकराव का मुद्दा

18 जुलाई को सुनवाई के दौरान दोबारा परीक्षा की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने हितों के टकराव का मुद्दा उठाया था और तर्क दिया था कि आईआईटी मद्रास के निदेशक को एनटीए गवर्निंग बॉडी में उनकी स्थिति के कारण रिपोर्ट तैयार नहीं करनी चाहिए थी.

सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने इस तर्क का विरोध करते हुए कहा कि पदेन सदस्य के रूप में निदेशक की भूमिका पूरी तरह से जेईई एडवांस्ड परीक्षा आयोजित करने के उद्देश्य से थी. उन्होंने यह भी कहा कि निदेशक ने एनटीए बैठकों में भाग लेने के लिए एक अन्य प्रोफेसर को नियुक्त किया था. कोर्ट इसी मामले पर आज सुनवाई करेगा.

NTA पर अधूरी रिपोर्ट दाखिल करने का आरोप

याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी हलफनामा दाखिल कर कहा था कि एनटीए ने सुप्रीम कोर्ट में IIT मद्रास की अधूरी रिपोर्ट दाखिल की है. याचिकाकर्ताओं एनटीए ने अधूरे डेटा और विश्लेषण को सही बताने के लिए आईआईटी मद्रास की अधूरी रिपोर्ट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की है. यह रिपोर्ट सही नहीं है. टॉप 100 छात्रों में से 67 छात्रों को 720/720 अंक मिले लेकिन रिपोर्ट में कोई असामान्यता नहीं दिखती है.

SC में 11 जुलाई को दर्ज हुई थी IIT मद्रास की रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट IIT मद्रास की रिपोर्ट 11 जुलाई को दर्ज हुई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि नीट यूजी परीक्षा में बड़े पैमाने पर पेपल लीक नहीं हुआ है. दरअसल, शिक्षा मंत्रालय के कहने पर आईआईटी मद्रास ने डेटा एनालिटिक्स रिपोर्ट तैयार की थी. नीट-यूजी परीक्षा में शामिल 1.4 लाख छात्रों के लिए एनालिसिस किया था.

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