चिड़ावा शहर के बागर में स्थित है ये कबीर टीला।
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https://youtu.be/_wOT4Oc6h0M
चिड़ावा शहर सबसे पुराने धर्म स्थलों में शामिल इस कबीर पंथ की पीठ में वर्तमान में गद्दी पर महंत संत रघुवीर दास जी विराजमान हैं। इनसे पूर्व इस पीठ में 9 महंत रह चुके हैं। यहां इन सभी पूर्व महंतों की समाधियां बनी हुई है। वहीं कबीर जी का बहुत सुंदर मंदिर भी यहां स्थापित है। इसमें कबीर जी की नयनाभिराम प्रतिमा स्थापित हैं। वहीं यहां बड़ी संख्या में लगे पेड़ पौधे पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। यहां टीले के साथ ही स्थापित किया हुआ शिव लिंग भी है। ये शिवलिंग पहले टीले के साथ बाहरी परिसर में बने मंदिर की जगह पहले स्थापित छोटे से मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति के साथ स्थापित था। लेकिन 1998 में यहां भीमराजका परिवार ने यहां भव्य मंदिर बनवाया और हनुमानजी की मूर्ति उसमें विराजित करवाई। ऐसे में इस शिवलिंग को कबीर टीले में स्थापित कर दिया गया। टीले के बाहरी हिस्से में संगमरमर पत्थरों से मंदिर का निर्माण करवाया गया। मंदिर के गर्भगृह के ऊपर राम दरबार की नयनाभिराम तस्वीर उकेरी गई है। वहीं मंदिर के गर्भगृह में बहुत ही सुंदर हनुमानजी की मूर्ति स्थापित है। वहीं समीप में ही शिव पंचायत भी स्थापित है। जिसे जगदीश्वर महादेव के रूप में पूजा जाता है। यहां काफी बड़ा शिवलिंग स्थापित है। रुद्र के साथ ही रुद्रावतार के दर्शन करने का सौभाग्य यहां मिलता है। यहीं समीप में एक गेस्ट हाउस भी बनाया हुआ है। जिसे शुभ-मांगलिक कार्यों के दौरान शहरवासी काम में लेते हैं। तो शहर के इस प्राचीनतम धर्मस्थल पर पधारें और ईश्वरीय दर्शन कर पुण्य कमाएं।
अब दीजिए इजाजत कल फिर मिलेंगे… एक और धर्म स्थल पर…हर हर महादेव