शुभम निकम (रिपोर्ट टाइम्स)
खाटूश्यामजी (सीकर)। बाबा श्याम की नगरी में ऐसा पहला मौका है जब जन्माष्टमी पर खाटू दरबार में भक्तों का रैला नहीं होगा। लगभग 300 साल के इतिहास में कोरोना की वजह से ऐसा पहली बार होगा। हर साल जहां दस दिन पहले जन्माष्टमी की तैयारियां शुरू हो जाती थी, वहां इस बार भक्त अपने आराध्य का जन्मदिन मनाने के लिए घरों में ही तैयारी में जुटे हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व पर श्याम नगरी नंद के आनंद भयो.., हाथी घोड़ा पालकी..जैसे अनेक जयकारों से गूंजायमान होती थी। जन्माष्टमी वाले दिन मंदिर परिसर में देवी देवताओं की अलौकिक झांकियों के बीच कृष्ण और श्याम भजनों का दौर देर रात तक चलता। मगर इस बार कोरोना संक्रमण के चलते 12 अगस्त को बिना भक्तों के जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से रात्रि 12 बजे बाबा श्याम की विशेष आरती के बाद पंजीरी, माखन मिश्री, पंचामृत और 56 भोग बाबा श्याम को लगाया जाएगा। कमेटी की ओर से भक्तों के लिए सोशल मीडिया पर लाइव दर्शन और आरती की व्यवस्था कर रखी है।
बिना भक्तों के बाजार भी सूने-
हमेशा कृष्ण जन्माष्टमी के दिन बाजार भक्तों से गुलजार रहते हैं। इस दिन पोशाक की दुकानों पर कृष्ण भगवान की पीतल की मूर्ति, पोशाक, पालना और उनके सजावट की सामग्री सहित गर्मी से निजात दिलाने के लिए मिनी कूलर व पंखे की जमकर बिक्री होती है। मगर इस बार बिना भक्तों के बाजार वीरान होने से दुकानदार भी मायूस है।
न भजन, ना प्रतियोगिताएं-
कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर खाटू की अधिकतर धर्मशालाओं में भजन संध्याएं आयोजित होती है। जिसमें देशभर के नामी गिरामी गायक कलाकार श्याम भजनों की प्रस्तुतियां देते हैं। वहीं अनेक वार्डों में महोत्सव और प्रतियोगिताएं होती हैं। जिसमें बच्चों से लेकर बड़े उत्साह से भाग लेते हैं। मगर इस बार कोरोनाकाल के चलते कार्यक्रम नहीं होंगे।