चिड़ावा शहर में नेहरू बाल मंदिर स्कूल के पास की गली में वार्ड 14 में बनी है आत्मगिरि जी की बगीची।
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https://youtu.be/8zykLnUcEIk
400 साल पुरानी इस बगीची में प्रवेश करते ही सामने एक विशाल बड़ का वृक्ष लगा है। वहीं सामने बना है शिवालय। शिवालय में शिव परिवार सहित विराजे हैं। यहां माता दुर्गा की मूर्ति भी स्थापित है। वहीं पास में ही बने मण्ड में हनुमान जी की एक प्राचीन और एक नवीन प्रतिमा स्थापित है। वहीं इसके पास एक और मण्ड है। इस मण्ड में मां भुवनेश्वरी की मूर्ति स्थापित है। इस प्राचीन बगीची के बारे में जानकारी देते हुए बगीची के वर्तमान महंत राधेनाथ महाराज ने बताया कि यहां रामनाथ जी जैसे कई संतों ने एक पैर पर खड़े होकर तपस्या की है। कई संत इस तपोभूमि को पवित्र कर चुके हैं। मंदिरों के अलावा यहां बाबाजी का धूणा भी स्थापित है। वर्तमान में बगीची का जीर्णोद्धार श्रद्धालुओं ने मिलकर कराया है। यहां बगीची के एक हिस्से में काफी पेड़-पौधे लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया जा रहा है। इन पेड़-पौधों की देखरेख बाबा राधेनाथ अपने बच्चों की तरह करते हैं। सुकून भरे आध्यात्मिक स्थल पर एक बार जरूर पधारें। हमारा विश्वास है कि यहां आप सब चिंताओं को भुलाकर ईश्वरीय सामीप्य का अहसास करेंगे। अब दीजिए हमें इजाजत कल फिर मिलेंगे एक और देवालय में। हर हर महादेव