शिवनगरी चिड़ावा के शिवालयों की श्रृंखला में आज हम पहुंचे हैं श्यामा बाई की जाव में।
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https://youtu.be/Nxa_htd9vq4
कबूतरखाना बस स्टैंड पर गणेश मंदिर के पास से आने वाले सीधे रास्ते के आखिरी छोर पर स्थित इस जाव में खेतों के मध्य से होकर हम पहुंचते हैं प्राचीन कुएं पर इसी कुएं के पास विराजित हैं कुएं के बालाजी। बालाजी महाराज के विग्रहों के बिल्कुल ऊपर लखदातार श्याम प्रभु की मनमोहक तस्वीर लगी है। कुएं के बिल्कुल सामने बना एक ऊंची सीढ़ियों का मन्दिर। इस मंदिर का निर्माण 12 साल पहले भक्त शिरोमणि श्यामा बाई के देह त्याग के बाद उनके स्मृति स्थल पर बनाया गया। श्यामा बाई श्याम प्रभु के साथ ही भोलेनाथ की भी परम भक्त थी। ऐसे में परिजनों ने श्यामा बाई के शिष्यों के सहयोग से इस मंदिर का निर्माण करवाया। मन्दिर में प्रवेश करते ही दाईं तरफ बना है शिवालय। शिवालय में शिवलिंग के साथ ही नन्दी महाराज विराजे हैं। वहीं यहां माता पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय जी भी विराजे हैं। शिवालय के बिल्कुल सामने भक्त शिरोमणि श्यामा बाई की मूर्ति लगी हुई है। यानी भक्त के बिल्कुल सामने भगवान विराजे हैं। इस धार्मिक स्थल से हर फाल्गुन माह में श्याम बाबा के निशान भी उठाए जाते हैं। ये निशान श्रद्धालु यहां से सारी स्थित श्याम मन्दिर में पैदल ले जाकर चढ़ाते हैं। इस मंदिर में चारों तरफ देवी-देवताओं के काफी चित्र लगे हैं मन्दिर के चारों तरफ हरियाली यहां काफी सुकून भरा और भक्तिमय माहौल प्रदान करती है। सालभर में देशभर से श्यामा बाई के शिष्य यहां आते हैं और पूजन कर पुण्य कमाते हैं। तो एक बार जरूर आप इन धर्म स्थल पर पधारिए और भक्त शिरोमणि श्यामा बाई के साथ ही उनके आराध्य के दर्शन कर जीवन धन्य बनाएं। अब दीजिए हमें इजाजत…कल फिर मिलेंगे एक और देवालय में…हर हर महादेव