चिड़ावा। संजय दाधीच
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शहर में होली के पूर्व निभाई जाने वाली सामाजिक परम्परा ढूंढ के मौके पर एक बेटी को भी सम्मान दिया गया। ढूंढ पूजन की परंपरा हालांकि बच्चे के जन्म के पहले जन्मदिन पर निभाई जाती है।
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लेकिन बेटी ईशा के जन्म पर ये परम्परा नहीं निभाई गई। बेटी ईशा के मन मे हमेशा से इसको लेकर टीस थी कि बेटी होने के चलते उसके बचपन में ये परम्परा क्यों नहीं निभाई गई।
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आखिर ईशा दहिया ने अपनी बुआ और चिड़ावा पालिकाध्यक्ष सुमित्रा सैनी को अपने मन की पीड़ा व्यक्त की और बचपन में बेटा-बेटी के भेद में ना निभाई जा सकी ढूंढ की सामाजिक परम्परा को निभाने की इच्छा व्यक्त की।
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बुआ सुमित्रा सैनी ने आज बेटी की मुराद पूरी करने के लिए अपने ससुराल से ढूंढ की सामग्री लेकर आई और बेटी का धूमधाम से ढूंढ पूजन कराया। इस दौरान बेटी ईशा बेहद खुश नजर आई।
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