ताइपे: यूक्रेन पर रूस के आक्रमण (Russian invasion of Ukraine) के कारण चाइना को भी मौका दिखने लगा है. यही वजह है कि पिछले 19 दिनों में दो बार चाइनाी लड़ाकू विमानों () ने ताइवान में घुसपैठ की है. हालांकि, दोनों बार मुस्तैद खड़ी ताइवानी वायु सेना (Taiwan Air Force) ने चेतावनी देकर चाइनाी लड़ाकू विमानों (Chinese Air Force Fighter Jets) को अपनी हवाई सीमा से बाहर खदेड़ दिया. इसके बावजूद आशंका जताई जा रही है कि यूक्रेन की स्थिति को देखते हुए चाइना के हौसले बुलंद हैं. स्वयं चाइना के विराष्ट्र मंत्री बोल चुके हैं कि ताइवान को मुख्य भूमि से एक न एक दिन जरूर मिलाया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यूक्रेन से ताइवान की तुलना को मानने से इन्कार कर दिया था.
चाइनाी विमानों को ताइवान ने खदेड़ा
ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि उसके राष्ट्र की वायु सेना ने चाइना के 13 विमानों को चेतावनी देकर खदेड़ दिया. मंत्रालय ने बताया कि इस घुसपैठ में चाइनाी वायु सेना के सात जे-10 लडाकू विमान, पांच जे-16 लड़ाकू विमान और एक वाई-8 इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर विमान शामिल था. इन विमानों ने दक्षिण चीन सागर में ताइवान के नियंत्रण वाले प्रतास द्वीपसमूह के पास से उड़ान भरी थी.
ताइवान ने मिसाइलों का मुंह खोला
चाइनाी विमानों के घुसपैठ की जानकारी मिलते ही ताइवान के लड़ाकू विमानों को चेतावनी देने के लिए भेजा गया था. ताइवान ने इन विमानों की तरफ अपनी एयर डिफेंस मिसाइलों का मुंह खोल दिया था. मंत्रालय ने मानक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा कि ताइवान अपनी प्रतिक्रिया काफी सोच समझकर दी. जिसके बाद चाइनाी लड़ाकू विमान तेजी से ताइवानी वायु सीमा के बाहर चले गए.
ताइवानी विमान हुआ क्रैश
यह घटना उसी दिन हुई, जिस दिन ताइवानी वायु सेना का एक मिराज 2000 लड़ाकू विमान दक्षिण चीन सागर में क्रैश हुआ था. इस घटना के बाद चाइना ने अपने सभी मिराज 2000 विमानों को तत्काल उड़ान भरने से रोक दिया, हालांकि एफ-16 विमान पहले की तरह पेट्भूमिकािंग मिशन को अंजाम दे रहे हैं. चाइना ने कभी भी बलपूर्वक ताइवान पर कब्जे का इरादा नहीं छोड़ा है. यही कारण है कि पूरा दक्षिण चीन सागर एक संरेटित घातक मिलिट्री फ्लैशपॉइंट बना हुआ है.