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सोना हो तो आग में तपकर चमकोगे, वरना राख हो जाओगे. बीजेपी (बीजेपी) सोना निकली. अटल-आडवाणी के दौर से तप-तपकर बीजेपी मोदी-शाह युग में आ गई. इस दौरान उसके सांसदों की संख्या 2 से 303 तक पहुंच गई. बीजेपी की स्थापना के आज 42 वर्ष हो गए हैं. इस दौरान पार्टी सांसदों की संख्या में 15000 फीसदी की उछाल आई है.6 अप्रैल, 1980 को हिंदुस्तान के सियासी पटल पर जिस पार्टी ने पांव रखा, उसे चार वर्ष बाद पहली बार आम चुनाव का सामना करने का सौभाग्य मिला. साल 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए लोकसभा चुनाव में राष्ट्र की जनता ने बीजेपी को केवल दो सीटें दीं. पार्टी अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी भी मध्य प्रदेश के ग्वालियर से चुनाव हार गए. उन्हें कांग्रेस पार्टी के माधव राव सिंधिया ने हराया था. आज उनके पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी की प्रतिनिधित्व वाली केंद्र गवर्नमेंट में नागरिक उड्डयन मंत्री हैं.