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राजस्थान में गहलोत सरकार किसानों को बड़ी राहत देने जा रही है। बेमौसम हुई बारिश से जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ, उन्हें मुआवजा देने की कवायद शुरू हो गई है। बता दें, पिछले महीने फसल कटाई के दौराना बारिश से फसलों को नुकसान हुआ था। कृषि विभाग से जुड़े अधिकृत सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा करवाने वाले करीब 3 लाख किसानों ने अपनी फसलों में नुकसान की सूचना बीमा कंपनियों व कृषि विभाग के कार्यालयों में दर्ज करवाई है।
इन सभी किसानों के फसल नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा देने की प्रक्रिया की जा रही है। इसके साथ ही जिन क्षेत्रों में बारिश तेज होने से जलभराव के चलते फसलों में नुकसान हुआ है, वहां मिड सीजन एडवर्सिटी प्रक्रिया के तहत मुआवजा दिलाया जा रहा है। कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने तुरंत ही फसल बीमा करने वाली कंपनियों को सर्वे कराने के लिए निर्देशित कर दिया था।
बीमित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया
इस बार प्रदेश में समय पर मानसूनी बारिश आने से खरीफ फसलों की बुवाई रिकॉर्ड हुई थी. करीब 164 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बुवाई की गई थी। इसमें भी करीब 45 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल में बाजरा की बुवाई हुई थी। हालांकि जब बाजरा, ज्वार, मक्का जैसी फसलों की कटाई होनी शुरू हुई थी, तभी बरसात होने से बड़ी संख्या में किसानों को नुकसान हुआ है। पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, करौली, अलवर, दौसा आदि जिलों में बाजरा की फसल की कटाई के बाद नुकसान हुआ है। ऐसे सभी बीमित किसानों को मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि जिन किसानों का बीमा नहीं था, उन्हें कोई सहारा नहीं मिल पा रहा है।
अन्नदाता को मिलेगी राहत
कृषि विभाग के सूत्रों का कहना है कि जिला कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटियों के जरिए जो सर्वे राजस्व विभाग करवा रहा है, उनमें मुआवजा देने की कवायद भी जारी है। वहीं प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बीमित किसानों को भी मुआवजा देने की प्रक्रिया चल रही है। कुल मिलाकर कृषि विभाग का प्रयास है कि फसल नुकसान वाले अधिक से अधिक किसानों को मुआवजा दिलवाया जाए, जिससे कि प्राकृतिक आपदा से लुटा-पिटा महसूस कर रहे अन्नदाता को कुछ राहत मिल सके।