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सबसे कम उम्र में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई अपनी आत्मकथा ‘आइ एम मलाला’ में लिखा है कि वह दुनिया की सभ्यता-संस्कृति, सामाजिक स्थिति आदि के बारे में बचपन में जो कुछ जान पाईं, वह पुस्तकों से ही संभव हो सका। भारत और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन के बारे में भी उन्हें पुस्तकों से ही जानने को मिला। उन्होंने आगे बताया है कि जब वह ग्यारह साल की थीं, तो कैसे उन्होंने अपनी एक दोस्त के गहने चुरा लिए। उन्हें चोरी करने की बुरी लत लग गई थी। पर उन्होंने महात्मा गांधी की बचपन की कहानियों को पढ़ा था। उसमें बापू ने जोर देकर कहा था कि मनुष्य अपनी इच्छाशक्ति के बल पर अपनी बुरी आदत को खत्म कर सकता है।
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