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झुंझुनूं पुलिस के कांस्टेबल शैतान सिंह मीणा लोगों को रेबीज के लिए जागरूक कर रहे हैं। रेबीज से उन्होंने अपने बेटे को खो दिया। इसके बाद शैतान सिंह ने रेबीज से जागरूकता और रेबीज पर रिसर्च करना शुरू किया। शैतान सिंह ने बताया कि जागरुकता के अभाव और डॉक्टरों की लापरवाही के कारण अपना इकलौता बेटा खो दिया, अन्य किसी को अपने बच्चों को नहीं खोना पड़े, इसीलिए अब लोगों को जागरुक कर रहा हूं।
झुंझुनूं में अलग से रेबीज क्लिनिक शुरू
शैतान सिंह ने बताया कि वे ड्यूटी टाइम के अलावा रेबीज पर ही कार्य करते हैं। उनके प्रयासों से झुंझुनूं में अलग से रेबीज क्लिनिक शुरू हुआ। शैतान सिंह अपने वेतन का 50 फीसदी रेबीज रोकथाम के लिए खर्च करते हैं। शैतान सिंह ने बताया कि उन्होंने राजस्थान को रेबीज मुक्त बनाने के लिए 26 जनवरी 2022 को एक संस्था का गठन किया है, यह संस्था पूरे राजस्थान में कार्य कर रही है। अब तक पांच सौ से अधिक लोगों की मदद की जा चुकी है।