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जो धारण करने योग्य है, वही धर्म है : पं.तिवाड़ी
चिड़ावा। शहर की कॉलेज रोड पर सनातन आश्रम स्थित महालक्ष्मी धाम में चल रही श्री श्याम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास पं. प्रभुशरण तिवाड़ी ने धर्म की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि जो धारण करने योग्य है, वो ही धर्म है। उन्होंने धर्मों को लेकर लोग आपस में लड़ते हैं। लेकिन एक सत्य सभी को स्वीकार करना चाहिए कि संसार में केवल एक ही धर्म है
और वो है सनातन धर्म। तिवाड़ी ने कहा कि बर्बरीक ने मनुष्य जीवन को परम पद प्राप्त करने के लिए सद कर्म करने शुरू किए। बर्बरीक ने शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति के लिए स्थान गुप्त स्थान पर तप किया और शक्ति की आराधना में मन को लगाया। कथा के प्रारम्भ में पं. बालकृष्ण चौरासिया व पं. परसाराम के सानिध्य में व्यास व ग्रंथ पूजन हुआ। कथा के दौरान सुंदर भजनों ने सभी का मन मोह लिया। इस मौके पर राम सिंह इंडाली वाले, गिरधर गोपाल महमिया, सुशील शर्मा, कैप्टन शंकरलाल महरानिया, सुरेश शेखावत सहित पुरुष व महिला श्रद्धालु मौजूद रहे।
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