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Yashwant Sinha: 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं ऐसे में यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा कांग्रेसी विधायकों का समर्थन लेने भोपाल पहुंचे। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में पहुंचकर कांग्रेसी विधायकों का समर्थन मांगने के बाद यशवंत सिन्हा मीडिया से मुखातिब हुए और बीजेपी पर करारा हमला कर डाला। मीडिया से बातचीत में कहा जिस तरीके से भाजपा की सरकार ने शेर का खुले मुंह का एंबलम बनाया है उसी तरीके से सरकार सबको चबा जाना चाहती है। सरकार मेरे खड़े होने से डर गई है और विधायकों की खरीद-फरोख्त चालू कर दी है उन्होंने अभी तक कर्नाटक,महाराष्ट्र में सरकार गिराने के लिए यही किया है हालांकि गोवा में उनकी चाल फेल हो गई है। MP से क्यों नहीं बनाया उम्मीदवार वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद कृष्ण के राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने की बात पर यशवंत सिन्हा ने कहा बीजेपी को चाहिए द्रौपदी मुर्मू को देश का प्रधानमंत्री बना दें तभी देश का उत्थान होगा। आगे कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा ट्राईबल पापुलेशन स्टेट है फिर बीजेपी ने मध्यप्रदेश में से किसी को क्यों नहीं बनाया राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार। “बीजेपी के खेल से पूरा देश परिचित है”
शिवसेना के राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को सपोर्ट करने के सवाल पर यशवंत सिन्हा ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी ने शिवसेना की सरकार गिरा कर शिवसेना तोड़ दी मुख्यमंत्री को अपदस्थ कर दिया। बीजेपी के इस खेल से पूरा देश परिचित है। उसी का इस्तेमाल करके उन्होंने शिवसेना को द्रौपदी मुर्मू के सपोर्ट के लिए फोर्स किया। देश के प्रजातंत्र का हनन नहीं होने दूंगा राष्ट्रपति पद के चुनाव में नंबर गेम कम पड़ने और चुनाव हारने की संभावना की बात पर बोले, “अगर में चुनाव नहीं जीता तो अपने सभी साथियों के साथ सड़कों पर उतर लूंगा लाठियां खाऊंगा गोलियां खा लूंगा लेकिन देश के प्रजातंत्र का हनन नहीं होने दूंगा।” “सदन में खड़े होइए और सरकार की स्तुति गान कीजिए” वहीं कल लोकसभा और राज्यसभा में संसदीय शब्दों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाए जाने पर भी यशवंत सिन्हा ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि “अब मैंने विधायकों से कह दिया है आप सदन में खड़े होइए और सरकार की स्तुति गान कीजिए वही पार्लियामेंट्री होगा।” यही नहीं बीजू जनता दल,वाईएसआर कांग्रेस,जेडीएस,शिरोमणि अकाली दल, जेडीयू और शिवसेना से उन्होंने सवाल भी पूछा कि क्या वह सरकार के इस कदम का समर्थन करते हैं जो उन्हें इन शब्दों के इस्तेमाल से रोकते हैं। पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा से पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद के संबंधों पर उठ रहे सवालों पर यशवंत सिन्हा ने इन आरोपों को बेबुनियाद और समाज को सांप्रदायिकता के आधार पर बांटने का प्रयास बताया।