REPORT TIMES
के.डी. केंपाम्मा उर्फ़ साइनाइड किलर एक ऐसी औरत जो दूसरी दुखी औरतों की सहेली बन उनके दुःख दूर करने का वादा करती है। वो उन्हें पूजा के नाम पर बुलाती और खाने-पीने में साइनाइड डालकर मार देती थी. इसके बाद उनके गहने और कीमती चीजें लेकर फरार हो जाती थी.
ये फिल्मी सी लगने वाली सच्ची कहानी कर्नाटक की उस मामूली सी दिखने वाली महिला की, जिसके लालच और सपनों ने उसे मामूली नहीं रहने दिया बल्कि हिन्दुस्तान के इतिहास की ऐसी पहली महिला सीरियल किलर बना दिया है, जिसके लिए अदालत फांसी के फंदे से कम के फैसले पर राजी नहीं थी। उसकी शादी कम उम्र में एक टेलर से हुई थी. शादी के बाद उसे अपनी जिंदगी अच्छी नहीं लगी तो उसने एक बेहतरीन जिंदगी के लिए चिटफंड का बिजनेस किया. बिजनेस फेल हो गया और उसके पति ने भी उसे छोड़ दिया। अब केंपाम्मा ने अपनी इच्छाओं को पूरा करने का नया तरीका ढूंढना शुरू किया और शुरू हुई सायनाइड किलिंग की कहानी. वह दुखी महिलाओं को दोस्त बनाती औऱ फिर उन्हें पानी में सायनाइड मिलाकर पिला देती. इसके बाद उनका सारा सामान चुरा लेती. यहीं से उसका नाम पड़ा सायनाइड मल्लिका. इस तरह से उसने कुल 7 महिलाओं को अपना निशाना बनाया।
यूं तो साइनाइड मल्लिका आज भी मिस्ट्री ही है. लेकिन पुलिस ने 2008 में ही ये जान लिया कि सभी महिलाओं की हत्या के पीछे एक 45 साल की अधेड़ महिला का हाथ है. उसका आखिरी शिकार 30 साल की नागवेणी नाम की महिला बनी. वारदात के बाद जब वो जेवर और पैसे लेकर भाग रही थी तो पुलिस ने उसे बस स्टैंड पर गिरफ्तार कर लिया. इस वक्त उसके बाद लूटे गए गहने और पैसे मौजूद थे. पहले तो उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन बाद में अपने सारे जुर्म कुबूल कर लिए। साल 2012 में उसे सजा-ए-मौत दी गई थी, लेकिन बाद में इसे उम्र कैद में बदल दिया गया.