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चिड़ावा. सर्वोच्च न्यायालय ने किसान की करंट से मौत होने के सात साल बाद परिवार को 30 दिन में राजीव गांधी कृषक सारथी योजना के तहत क्लेम की राशि का भूगतान करने के आदेश दिए हैं। एडवोकेट महेश ठोलिया ने बताया कि चिड़ासन (चिड़ावा) निवासी किसान रामजीलाल की 16 सितंबर 2015 में खेत में कार्य करते समय ट्रांसफार्मर के स्टे वायर में आए करंट से मौत हो गई। जिसके बाद किसान की पत्नी ने कृषि उपज मंडी में राजीव गांधी कृषक सारथी योजना के तहत क्लेम के लिए आवेदन किया। जिसे उपज मंडी ने एफआईआर दर्ज नहीं करवाने का हवाला देकर खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता और मृतक की पत्नी अन्नूदेवी ने जिला उपभोक्ता मंच में मुकदमा दायर किया।
उपभोक्ता मंच ने 21 अगस्त 2019 को कृषि उपज मंडी को आदेश दिया कि मृतक के परिवार को दो लाख रुपए मय आठ प्रतिशत ब्याज घटना की तारीख से तथा 30 हजार रुपए मानसिक संताप एवं 33 सौ रुपए वाद खर्चा का क्लेम दिया जाए। मगर मंडी समिति ने आदेश को नहीं मानते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग जयपुर में अपील दायर कर दी। वहां पर भी जिला उपभोक्ता मंच के आदेश को यथावत रखा गया। ऐसे में कृषि उपज मंडी ने राज्य उपभोक्ता मंच के आदेश के विरूद्ध राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग, नई दिल्ली में अपील की। वहां पर भी कृषि उपज मंडी को हार का सामना करना पड़ा। सबके बावजूद कृषि उपज मंडी समिति (सरकार) राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग नई दिल्ली के आदेश के खिलाफ वर्तमान स्पेशल लीव पीटिशन (याचिका) एसएलपी राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में 2021 में दायर की। इस एसएलपी का नोटिस सुप्रीम कोर्ट से मिलने के बाद अन्नू देवी और उनके परिजन धर्मवीर कुल्हरी ने एडवोकेट महेश ठोलिया से संपर्क किया। जिस पर एड.ठोलिया ने पीड़ित परिवार की तरफ से पैरवी करते हुए तर्क दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने राजस्थान सरकार कृषि उपज मंडी चिड़ावा की विशेष याचिका को न्यायाधीश रविंद्र मह और जस्टिस सुधांशु धूलिया ने खारिज करते हुए सरकार को फटकार लगाई तथा सचिव कृषि उपज मंडी समिति चिड़ावा को आदेश देकर 30 दिन में आदेशों की पालना करने की बात कही।
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