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बसपा सुप्रीमो मायावती ने राजस्थान में एक दलित छात्र की हत्या मामले में नाराजगी जताते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों के सम्मान की रक्षा नहीं कर पा रही है। इसलिए वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। मायावती ने रविवार को कई ट्वीट करते हुए लिखा कि जालोर जिले के सुराणा में प्राइवेट स्कूल के दलित छात्र द्वारा प्यास लगने पर मटके से पानी पीने की वजह से जातिवादी सोच के शिक्षक ने उसे इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई। इस हृदय विदारक घटना की जितनी निन्दा व भर्त्सना की जाए उतनी कम है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में आए दिन ऐसी जातिवादी दर्दनाक घटनाएं होती रहती हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस की सरकार वहां खासकर दलितों, आदिवासियों व उपेक्षितों आदि के जान व इज्जत-आबरू की सुरक्षा करने में नाकाम है।
अतः इस सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाए तो बेहतर रहेगा।उधर, दलित छात्र के साथ मारपीट के बाद हुई मौत पर भारतीय जनता पार्टी राज्य सरकार को घेरने की तैयारी में है। छात्र की मौत के बाद भाजपा प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गई है। भाजपा ने इस घटना को राजस्थान के माथे पर कलंक बताया। स्वतंत्रता दिवस के बाद भाजपा दलित छात्र की मौत को प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था का उदाहरण बताकर इसे बड़ा मुद्दा बना सकती है। भाजपा ने दलित छात्र की मौत पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर सवाल उठाते हुए लिखा कि वे राजस्थान के दलितों को न्याय दिलाने के लिए गहलोत को कब सलाह देंगे। उल्लेखनीय है कि जालोर में गत दिनों संत के आत्महत्या प्रकरण में भाजपा विधायक पूराराम का नाम आने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए, अब 8 वर्षीय दलित छात्र की मौत के बाद भाजपा सवाल उठा रही है कि प्रदेश में वंचित वर्ग सुरक्षित नहीं है।