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चिड़ावा। नरहड़ के पावडिया जोहड़ में महिला किसान सोनू सिंह के खेत में बाजरे की फसल पर फील्ड डे मनाया गया। कार्यक्रम में बोलते हुए रामकृष्ण जयदयाल डालमिया सेवा संस्थान के परियोजना प्रबंधक भूपेंद्र पालीवाल ने कहा कि किसानों को नवीन तकनीक के साथ ही अपने देशज कृषि ज्ञान को नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा की किसान अपनी लागत कम करके , कम पानी में अधिक उत्पादन ले सकता है परन्तु उसके लिए आवश्यक है बीज को अगली फसल के लिए रखना, जैविक खेती करना, खर पतवार को समय पर निकलना और वर्षा के जल से ही मृदा में लम्बे समय तक नमी को बनाये रखना। संस्था के कृषि अधिकारी राकेश मेहला ने आगामी फसलों के बारे में जानकरी देते हुए सभी किसानों से आव्हान किया कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाए। उन्होंने जैविक और प्राकृतिक खेती के बारे में भी जानकारी दी।
जल समन्वयक संजय शर्मा ने वर्षा जल के महत्व पर चर्चा की और भूजल के संरक्षण के संस्थान की ओर से किए जा रहे प्रयासों से सभी को अवगत कराया और किसानों को वर्षा जल आधारित खेती के लिए प्रोत्साहित किया। बलवान सिंह ने गायों में आ रहे लम्पी बीमारी के बारे मैं किसानों को बताया की किस प्रकार बचाव और उपचार किया जा सकता है। कार्यक्रम में अनिल शर्मा , महिला किसानों और प्रतिभागियों ने भी कृषि और जल संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में आयोजित प्रश्नोतरी में सुशीला, चमेली देवी, उमराव और सज्जनपाल विजेता रहे। ग्राम विकास समिति के सदस्यों सुनील डूडी, मुमताज ,बुधराम , रामसिंह, हरफूल, सुल्तान, तुलसाराम ने आभार जताया।
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