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यूपी बीजेपी अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालने के एक दिन बाद भूपेंद्र चौधरी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में पंचायती राज के कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। भूपेंद्र चौधरी का इस्तीफा बीजेपी की एक व्यक्ति-एक पद की नीति का हिस्सा है। चर्चा है कि उनका पोर्टफोलियो उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को आवंटित किया जा सकता है जो शहरी विकास मंत्री भी हैं। पंचायती राज मंत्रालय अगर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को मिलता है तो इसे उनके पार्टी में स्वाभाविक विस्तार के रूप में भी देखा जाएगा। केंद्र में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय दोनों केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पास हैं। इसलिए अटकलें लगाई जा रही है कि केशव प्रसाद मौर्य को भी पंचायती राज का प्रभार मिल सकता है। हालांकि एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कुछ भी निश्चित नहीं है। उनका कहना है कि ये राजनीतिक निर्णय हैं और किसी के नाम की घोषणा होने तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता। अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री सीएम योगी आदित्यनाथ के द्वारा ही लिया जाएगा जो मंत्रिपरिषद के प्रमुख हैं। केशव प्रसाद मौर्य के पास फिलहाल ग्रामीण विकास, समग्र ग्राम विकास, ग्रामीण इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर और सार्वजनिक उद्यम और राष्ट्रीय एकता विभाग है।
इससे पहले मंगलवार को भूपेंद्र चौधरी ने ट्वीट कर कहा था- मैंने आज कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा। पार्टी की ‘एक व्यक्ति – एक पद’ की नीति की वजह से मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कहा जा रहा है कि चौधरी कई पार्टी संगठन में भी यही नियम लागू करेंगे। कहा जा रहा है कि योगी सरकार 2.0 में जिन्हें मंत्री बनाया गया है, उन्हें समिति के पद से हटाया जाएगा।पार्टी उपाध्यक्ष एके शर्मा और दया शंकर सिंह दोनों योगी सरकार में मंत्री बन गए हैं। शर्मा शहरी विकास और बिजली मंत्री हैं, जबकि सिंह परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं। पार्टी महासचिव जेपीएस राठौर सहकारिता राज्य मंत्री हैं। वहीं बीजेपी के ओबीसी विंग के मुखिया नरेंद्र कश्यप को पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बनाया गया है।