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राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक तहसीलदार को मीटिंग में जींस पहनकर आना भारी पड़ गया है। कलेक्टर ने तहसीलदर को मीटिंग से बाहर जाने का रास्ता दिखा दिया। इससे नाराज आसींद तहसीलदार प्रवीण चौधरी ने राजस्व मण्डल अध्यक्ष अजमेर को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। अपने इस्तीफे में लिखा- कलेक्टर ने जो मेरे साथ बैठक में किया उससे मेरे आत्मविश्वास और गरिमा पर चोट लगी है। अपने त्यागपत्र में महात्मा गांधी के कथन का हवाला देते हुए लिखा कि मेरी अंतरात्मा-जमीर मुझे सहमती नहीं देता है कि मैं इस पदस्थापित रहूं। शायद मेरा फैसला भावनात्मक हो, मगर मेरे दृष्टिकोण से मेरा निर्णय सही है।
तहसीलदार ने महात्मा गांधी का उदाहरण दे दिया इस्तीफा
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार भीलवाड़ा जिला कलेक्ट्रेट सभागार का जहां पर जिला कलेक्टर आशीष मोदी राजस्व अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। इस दोरान कलेक्टर मोदी ने तहसीलदार प्रवीण चौधरी से राजस्व संबंधित कार्य और मतदाता पहचान पत्र से आधार लिंक को लेकर बीएलओ की बैठक लेने के बारे में पूछा। इस पर तहसीलदार प्रवीण कलेक्टर को कोई जवाब नहीं दे पाए। इसके बात से कलेक्टर नाराज हो गए और उन्होंने तहसीलदार को फटकार लगाई। इसके बाद उन्होंने तहसीलदार को बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया। तहसीलदार ने कलेक्टर पर जींस पहनकर आने पर बैठक से बाहर निकाल देने का आरोप लगाया है। यह बात अब जिले में चर्चा का विषय बन गया है। तहसीलदार प्रवीण चौधरी का कहना है कि मुझे आसीन्द का कार्यभार सौंपा गया। मैंने इस दौरान जितना कार्य हो सकता था वह किया। मगर कलेक्टर ने मुझे ही टारगेट किया। मैं मानता हुं कि मेरे कामों में कुछ कमी रही, लेकिन उन्हें मुझे सुधार के लिए समय देना चाहिए था। मगर उन्होंने मुझे बैठक में खड़ा कर दिया। इस दौरान उन्होंने मुझे जींस पहना देखकर भड़क गए। मुझे बैठक से बाहर जाने के लिए कह दिया। इससे मैं काफी आहत हुआ हूं।
कलेक्टर आशीष मोदी पहले भी रहे सुर्खियों में
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर आशीष मोदी अपने व्यवहार को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहे हैं। अलवर जिले के राजगढ़ मे एसडीएम रहते हुए जनप्रतिनिधियों ने दुर्गव्यहार का आरोप लगाया था। आशीष मोदी ने जनप्रतिनिधियों का ज्ञापन लेने से इंकार कर दिया था। कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव रहते भी आशीष मोदी अपने अधीनस्थों को डांटने को लेकर सुर्खियों में रहे थे। तहसीलदार ने यह भी बताया कि मुझे प्रभारी भू- अभिलेख और भीलवाड़ा के एसडीएम ने फोन करके एक म्यूटिशयन खोलने के लिए कहा और इसमें कलेक्टर का हवाला भी दिया था। यह म्यूटिशयन किसी आईपीएस अधिकार के परिवार का था जो मोड़ का निम्बाहेड़ा में खुलना था। इसकी जब मैने जांच की तो पता चला कि वह परिवार वहां ना रहकर ब्यावर रहने की बात सामने आई। इस पर मैने वहां से सजरा मंगवाया था। इस पर मैने कहा था कि सेक्शन 135-2 में प्रकरण का निस्तारण कर लिया जाएगा। मैंने इसमें सही कहा था लेकिन मेरे साथ ऐसा कृत्य हुआ। वहीं कलेक्टर ने इस सम्बन्ध में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने इस सम्बन्ध में बैठक में कोई वार्ता नहीं की थी।