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पिता की जान बचाने के लिए भालू से भिड़ी जोशना, ऐसे बचाई जान

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राजस्थान के सिरोही जिले में अपने पिता को बचाने जोशना चौधरी भालू से भिड़ गई। मामला रेवदर कस्बे के सिलदर गांव का है। जहां देर रात को भालू ने करमा राम चौधरी पर हमला कर दिया। मकान में सो रही 14 साल की बेटी भागकर बाहर आई और भालू से भिड़ गई। करीब 10 मिनट के संघर्ष के बाद वह भालू को भगाने में कामयाब रही। अपने पिता की जान बचा ली। घायल करमा राम का गुजरात के मेहसाणा में इलाज चल रहा है। हादसे के बाद उनकी बेटी जोशना और परिवार सदमे में हैं। जोशना ने बताया कि भालू से संघर्ष के दौरान मन में एक ही बात थी कि मुझे भले ही कुछ भी हो जाए, लेकिन पिता को कुछ नहीं होने दूंगी। सोशल मीडिया पर लोग जोशना की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं।

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भालू ने खेत पर सोए किसान पर किया हमला

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करमा राम चौधरी खेत पर सो रहा था। भालू ने उसे चारपाई से पटक दिया। करमा राम को नोंच रहा था। लेकिन इस दौरान कुत्तों ने शोर मचाया तो खेत पर बने मकान में सो रही 14 साल की बेटी भागकर बाहर आई और भालू से भिड़ गई। संघर्ष के बाद उसने भालू को भगा दिया। जोशना के मुताबिक भालू से संघर्ष के दौरान मन में एक ही बात थी कि मुझे भले ही कुछ भी हो जाए। पिता को कुछ नहीं होने दूंगी। रात को पिताजी बाहर खेत में सो रहे थे। मां के पास मैं कमरे में सो रही थी। रात को करीब 3 बजे अचानक कुत्तों के भौंकने से नींद खुली। कुछ समझ पाते उसके पहले पिताजी के चिल्लाने की आवाजें सुनाई देने लगी। मैं और मां उनकी तरफ दौड़े। वहां का मंजर देख सिहरन सी दौड़ गई। देखा कि भालू बेहद हिंसक हो रहा था। पिताजी के ऊपर बैठ गया। पहले तो डर के मारे पांव कांपने लग गए। लेकिन पिताजी को बचाने का ख्याल आते ही एकदम से शरीर में नई स्फूर्ती आ गई। इसके बाद मैंने पास में पड़ी लाठी उठाकर भालू पर ताबड़तोड़ हमले करने शुरू कर दिए। करीब 8 से 10 मिनट तक भालू पर लाठी से ताबड़तोड़ वार किया। इसके बाद वहां से भालू भाग गया।

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लोग बहादुरी की कर रहे हैं तारीफ

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लोग 14 साल की जोशना चौधरी की तारीफ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई लोग उनको बहादुरी के लिए पुरस्कार देने की भी मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि जोशना 8वीं तक पढ़ी है और उसके बाद खेत से स्कूल की दूरी ज्यादा होने के कारण पढ़ाई छोड़ दी।

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