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जैसे ही कल समाजवादी पार्टी ने छोटी जातियों की महापंचायत की घोसणा करी, बीजेपी थिंक टैंक ने भी इस विषय पर चर्चा शुरू कर दी। लोकसभा चुनाव से पहले कम आबादी वाली जातियों की अहम मांगों को भाजपा पूरा करना चाहती है। इसके पीछे उसकी मंशा चुनाव में बेहतर नतीजे हासिल करना है। चुनाव से पहले भाजपा छोटी जातियों और पार्टियों को साधना चाहती है। ताजा फैसले से भाजपा ने गोंड बिरादरी को बड़ा संदेश देने की कोशिश की है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा कोई भी गलती नहीं करना चाहती है।
गौरतलब पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनावो में भारतीय जनता पार्टी को प्रदेश की 74 में से 61 जातियों के वोट मिले थे। इसी तरह से प्रदेश में भाजपा सरकार ने 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करवाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। बीजेपी इस पर प्रस्ताव तैयार करवा रही है और वो भी इस तरह की केंद्र इस पर सहमत हो जाए और संसद से इसे पारित कराया जा सके,क्योंकि हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस तरह की सभी अधिसूचनाओं को रद्द कर दिया था।