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शेखावाटी का प्रसिद्ध स्थान चंचल नाथ जी का टीला संतों की तपोभूमि पर, श्री ओम नाथ जी महाराज श्री विचार नाथ जी महाराज की देखरेख में,हो रहा है, नवरात्रा के आयोजन,दुर्गा पूजा मैं सुबह शाम आरती,पूजा, इसी,श्रंखला में सायंकाल,आरती के समय जिला अतिरिक्त कलेक्टर विके,गौड़,साहब ने माता के दरबार में हाजिरी लगाकर माता का आशीर्वाद लिया एवं,मां दुर्गा जी की आरती ली,भाजपा,नेता,महेस,बसावतिया,ने बताया,नवरात्रों में नौ दिन पूजा के दौरान आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की पूजा की जाती है, देवी दुर्गा के नो रुपो में महागौरी आठवीं शक्ति स्वरूपा हैं,
महागौरी आदि शक्ति मानी गई है, धार्मिक मान्यताओं,व पौराणिक कथानुसार ८ वर्ष की आयु मे माता ने शिवजी को पति के रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की थी मात्र ८ वर्ष की आयु मे घोर तपस्या करने के कारण ही इनकी पूजा नवरात्रों के ८वे दिन की जाती है,एक कथानुसार घोर तपस्या के कारण माता का शरिर काला पड़ गया था,तब देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनके शरीर पर गंगा जल डाला जिससे देवी विधुत के समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण हो गई तभी से इनका नाम गौरी पडा राक्षस शुंभ निशुंभ का वध करने के लिए मां गौरी देवीकौशिक के रूप में भी,अवतरित हुई। उन राक्षसों का वध करके देवताओं को उनके प्रकोप से मुक्त करवाया था, मान्यता है कि जो स्त्री मां के इस रूप की पूजा करती है उसके सुहाग की रक्षा मां स्वयं करती है,कुंवारी लड़कियां मां की पूजा करने से मनचाहा वर प्राप्त करती है,जो पुरूष देवी गौरी की पूजा करता है उसका जीवन सुखमय हो जाता है,कार्यक्रम के दौरान,मुख्य जज्मान,लायन,अमरनाथ जागिड़ व कमल बयाक्याण,पूरनेन्दनाथ त्रिपाठी,पवन शर्मा राधेशयाम सेनी,जगदीश सेनी,नारायण भगत,परमेश्वर सेनी,शुसील बयाक्याण,महेस शर्मा,पवन जागिड़,शकंर शुक्ला,बिनोद पुरोहित,आदी,मौजुद थे