Report Times
latestOtherटॉप न्यूज़ताजा खबरेंदेशधर्म-कर्मराजनीतिविदेशस्पेशल

देश से बाहर भी क्यों बंट रहे भारतीय, US, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में टकराव; बढ़ रहे हैं मामले

REPORT TIMES

Advertisement

भारत की सियासत में बीते कुछ सालों में ध्रुवीकरण तेज हुआ है। अब इसका असर विदेशों में बसे भारतीयों के बीच भी दिखने लगा है। कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में विचारधारा और धर्म के आधार पर भारतीयों में विभाजन दिख रहा है। अमेरिका के न्यू जर्सी में हाल ही में जब भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था तो एडिसन में हुई परेड में एक बुलडोजर भी शामिल हुआ। यूपी समेत कई राज्यों में बुलडोजर चलने की घटनाओं को देखते हुए इसे प्रतीक के तौर पर शामिल किया गया था। कैलिफॉर्निया के ऐनहाइम में एक आयोजन के दौरान कुछ लोग कथित तौर पर भारत में मुसलमानों के दमन का विरोध जताने के लिए आए तो दो पक्षों के बीच नारेबाजी शुरू हो गई।

Advertisement

हाल ही में ब्रिटेन में हिंदू और मुसलमान भारतीयों के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई और पुलिस को सख्त कदम उठाने पड़े। बीते साल किसान आंदोलन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में कुछ लोगों ने उनके समर्थन में प्रदर्शन किया तो कुछ युवक तिरंगा झंडा लेकर उस प्रदर्शन का विरोध करने पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। ऐसा ही माहौल कनाडा में भी देखने को मिला है। इंडिया डे परेड पर अटैक की घटना हुई थी। इसके अलावा मंदिरों पर भी हमले की घटनाएं सामने आई हैं। ये वे चंद उदाहरण हैं, जो दिखाते हैं कि किस तरह भारत का राजनीतिक विभाजन प्रवासी भारतीयों को भी विभाजित कर रहा है।

Advertisement

Advertisement

विदेशों में रह रहे लगभग तीन करोड़ भारतीय दुनिया का सबसे बड़ा प्रवासी समुदाय हैं। इनमें हर धर्म और जाति के लोग शामिल हैं। अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में तो इनकी संख्या बहुत बड़ी है और वे दशकों से शांतिपूर्ण तरीके से रहते आए हैं। हाल की घटनाओं ने ऐसी चिंताओं को बढ़ा दिया है कि भारतीय समाज का धार्मिक और राजनीतिक विभाजन आप्रवासी समुदाय में भी घर बना रहा है। कई जानकार कहते हैं कि इसकी शुरुआत 2014 में ही हो गई थी, जब भारतीय जनता पार्टी ने आम चुनाव जीतकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। सत्ता में आने के बाद से ही भाजपा पर मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्य समुदायों के दमन का आरोप लगता रहा है।

Advertisement

ऑस्ट्रेलिया में भी भारतीयों के बीच बढ़ रहा टकराव

Advertisement

बीते साल किसान आंदोन के दौरान ऑस्ट्रेलिया में कुछ लोगों ने उनके समर्थन में एक रैली का आयोजन किया। इसके बाद कुछ युवक भारतीय झंडा लेकर उस रैली में पहुंच गए और ‘भारत माता की जय’ व ‘मोदी जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगे, जिसके बाद उन्हें वहां से खदेड़ दिया गया। यह विवाद बढ़ते-बढ़ते इस हद तक पहुंच गया कि एक समूह ने सिख युवकों पर हमला कर दिया। पुलिस ने उन युवकों में से एक को गिरफ्तार कर लिया। सोशल मीडिया पर उस युवक के पक्ष में बड़ा अभियान चलाया गया जिसमें भारतीय जनता पार्टी के समर्थक समूह शामिल हुए। उस युवक की कानूनी लड़ाई के लिए धन भी जमा किया गया। बाद में उस युवक को सजा हुई और उसे ऑस्ट्रेलिया वापस भेज दिया गया।

Advertisement

हिंदुओं की प्रताड़ना के भी लग रहे हैं आरोप

Advertisement

इसका दूसरा पहलू यह है कि विदेशों में बसे कुछ हिंदू अपने विचारों के कारण प्रताड़ित महसूस करते हैं। वॉशिंगटन में हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन के महाप्रबंधक समीर कालरा कहते हैं, ‘हिंदुओं के लिए स्वतंत्र अभिव्यक्ति की गुंजाइश कम हो रही है। अगर आप भारत सरकार की ऐसी नीतियों का समर्थन करो, जिनका धर्म से कोई लेना देना नहीं है, तो भी आपको हिंदू राष्ट्रवादी कहा जाता है।’ कोएलिशन ऑफ हिंदूज नॉर्थ अमेरिका की प्रवक्ता पुष्पित प्रसाद कहती हैं कि वह उन युवाओं की काउंसलिंग करती हैं जिन्हें उनके दोस्त इसलिए छोड़ गए क्योंकि वे भारत में जारी जंग में किसी एक पक्ष के साथ हो लेने को तैयार नहीं थे।

Advertisement
Advertisement

Related posts

चिड़ावा में आज 7 पॉजिटिव मामले आए

Report Times

केजरीवाल मंत्रिमंडल में बड़ा बदलाव, आतिशी को वित्त और रेवेन्यू विभाग का भी जिम्मा

Report Times

झुंझुनूं : डीएम ने दिए पानी की समस्या के त्वरित समाधान के निर्देश

Report Times

Leave a Comment