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शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई थी। इस चुनाव में उद्धव ठाकरे ने उनकी पत्नी रुतुजा लटके को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने इस दंगल में मुरजी पटेल को चुनाव मैदान में उतारा था। आज दोपहर खबर आई कि भगवा पार्टी ने अपने कैंडिडेट का नाम वापस ले लिया है। इसके बाद रुतुजा का निर्विरोध जीतना तय माना जा रहा है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) चीफ राज ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर पटेल के नामांकन को वापस लेने की अपील की थी।
अंधेरी पूर्वी विधानसभा सीट के लिए जब उपचुनाव की घोषणा हुई तो इसे बीएमसी चुनाव का सेमीफाइनल माना गया। कहा गया है कि इस उपचुनाव के नतीजे का संदेश बीएमसी तक जाएगी। इसलिए उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों खेमे के लिए यह लड़ाई काफी अहम मानी जा रही थी।
मराठी रुतुजा के आगे कमजोर साबित हो रहे थे गुजराती पटेल
अंधरी पूर्वी विधानसभा सीट की लड़ाई काफी रोचक होने वाली थी। एक तरफ जहां मराठी ऋतुजा लटके चुनाव उद्धव खेमे से उम्मीदवार थीं वहीं, बीजेपी-शिंदे कैंप की तरफ से मुरजी पटेल मैदान में उतरे थे, जो कि गुजराती हैं। उद्धव ठाकरे कैंप की तरफ से इस चुनाव को गुजराती बनाम मराठी बनाने की पूरी कोशिश की जा रही थी। ऐसा इसलिए कि इस सीट पर हिंदी और मराठी भाषी मतदाताओं का बोलबाला है। कुछ ही इलाकों में गुजरातियों की आबादी है। रमेश लटके के लिए भी मराठी वोटर एकजुट होकर वोट करते आ रहे थे। 2014 के मोदी लहर में भी उन्होंने इस सीट से जीत हासिल की थी। इतना ही नहीं, इस चुनाव में उद्धव के कैंडिडेट के पक्ष में सहानुभूति वोट की लहर चलने की प्रबल संभावना थी।
BJP हारती तो BMC की लड़ाई होती मुश्किल
भाजपा और शिंदे कैंप अगर यह लड़ाई हारता तो आगामी बीएमसी चुनाव में काफी मुश्किल हो सकती थी। 50 से अधिक विधायकों और 12 सांसदों सहित संगठन के कई पदाधिकारियों की बगावत झेलने के बाद उद्धव ठाकरे काफी कमजोर नजर आ रहे हैं। ऐसे में अगर इस सीट पर वौट डाले जाते और उनकी पार्टी इस लड़ाई को जीत जाती तो उनके खेमे के लिए यह उत्साहवर्धन के लिए काफी महत्वपूर्ण होती। इस नतीजे से लबरेज होकर उद्धव बीएमसी चुनाव में उतरते।
राज ठाकरे की मानी बात?
उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे एक दूसरे के धुर विरोधी माने जाते हैं। हालांकि राज ठाकरे ने रविवार को भाजपा को एक पत्र लिखकर चौंका दिया था। पत्र में उन्होंने अंधेरी ईस्ट में होने वाले उपचुनाव की उद्धव गुट की प्रत्याशी ऋतुजा लटके का समर्थन किया और उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से भाजपा को अपना उम्मीदवार नहीं उतारने की सलाह दी। ऐसा इसलिए कि रुतुजा लटके की जीत की राह आसान हो सके।