Report Times
latestOtherगुजरातटॉप न्यूज़ताजा खबरेंराजनीतिस्पेशल

MCD और गुजरात विधानसभा, 2 चुनावों से बढ़ा सियासी ताप, 2 राज्यों में कैसे जूझेगी AAP

REPORT TIMES

Advertisement

गुजरात विधानसभा और एमसीडी चुनाव, दोनों ही कार्यक्रमों में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। अब कहा जा रहा है कि इस कार्यक्रम के चलते आम आदमी पार्टी की दिल्ली में तैयारियों पर असर हो सकता है। जबकि, आप इस बात से इनकार कर रही है। एमसीडी के चुनाव 4 दिसंबर को होंगे और मतगणना 7 दिसंबर को होगी। जबकि, गुजरात में दो चरणों में 1 और 5 दिसंबर को मतदान होगा और 8 दिसंबर को वोट गिने जाएंगे। अब पूरी स्थिति को विस्तार से समझते हैं।

Advertisement

माना जा रहा है कि करीबी चुनावी कार्यक्रम होने के चलते भाजपा को आप के मुकाबले ज्यादा फायदा हो सकता है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘आप केवल कांग्रेस और खुद के बीच वोट बांटने में सफल हो पाएगी। हम आप के चलते गुजरात के इतिहास में सबसे बड़ी दर्ज करने जा रहे हैं। हमारे पास पहले ही 35 फीसदी का कोर वोट बेस है। बाकी टिकट वितरण के आधार पर सुनिश्चित किया जाएगा, जो हम जीतने की संभावनाओं के आधार पर कर रहे हैं।

Advertisement

Advertisement

3 नवंबर को गुजरात चुनाव कार्यक्रम के ऐलान के बाद आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट किया था कि भाजपा ‘खतरे’ में है। उन्होंने कहा था, ‘गुजरात में भाजपा के बुरे नतीजों का बुरा असर एमसीडी चुनावों पर पड़ सकता है।’ आप के एमसीडी चुनाव प्रभारी दुर्गेश पाठक का कहना है कि शेड्यूल पार्टी को प्रभावित नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘गुजरात के लोग भाजपा को गुजरात विधानसभा के बाहर फेंक देंगे। दिल्ली के लोग भी ऐसा करेंगे।

Advertisement

आप में प्रचार संसाधनों पर चिंता
रिपोर्ट के अनुसार, आप के एक पार्षद ने कहा, ‘हमारा एमसीडी अभियान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की छवि के इर्द गिर्द है। सभी 250 उम्मीदवार उनका रोड शो या मीटिंग चाहते हैं। गुजरात में भी वह भीड़ और वोट आकर्षित करते हैं।’

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘हमारे संसाधन सीमित हैं। भाजपा की तुलना में हम छोटी पार्टी हैं। एक साथ चुनाव से संसाधन और यहां तक कि केजरीवालजी और मनीष सिसोदिया जी जैसे बड़े नेताओं का समय भी बंटेगा।’

Advertisement

रिपोर्ट के मुताबिक, एक अन्य पार्षद चुनावों पर पूरी तरह ध्यान नहीं लगा पाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर एमसीडी चुनाव नहीं होते, तो मैं गुजरात में होता और हमारे गई विधायक भी होते। लेकिन अब सभी विधायक अपने समर्थकों के लिए टिकट हासिल करने के लिए दिल्ली में रहना चाहते हैं।

Advertisement

भाजपा को संसाधन देखने होंगे
खबर है कि भाजपा को भी एमसीडी चुनावों के चलते संसाधनों को डायवर्ट करना पड़ रहा है। आसान भाषा में समझें तो दिल्ली भाजपा के 23 नेताओं का प्रतिनिधिमंडल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए तैनात किया गया था, लेकिन निकाय चुनाव की तैयारियों के लिए उन्हें वापस बुला लिया गया।

Advertisement
Advertisement

Related posts

टोडाभीम सीट पर BJP की हालत खराब, कांग्रेस को मिली थी बड़ी जीत

Report Times

झुंझुनूं में 10 और चिड़ावा में 3 पॉजिटिव

Report Times

1 करोड़ परिवार को हर महीने 300 यूनिट दी जाएगी फ्री बिजली, अंतरिम बजट में हुआ बड़ा ऐलान

Report Times

Leave a Comment