हॉकी विश्व कप में अब तक अपराजित भारत को गुरुवार को वेल्स के खिलाफ दोहरी चुनौती का सामना करना होगा। उसे न केवल कमजोर वेल्स के खिलाफ जीत हासिल करनी होगी, बल्कि अधिक से अधिक गोल भी करने होंगे। तभी वे ग्रुप डी में शीर्ष पर रहेंगे और क्वार्टरफाइनल के लिए सीधे टिकट मिलेगा।
पूल डी में भारत और इंग्लैंड के चार-चार अंक हैं, लेकिन गोल अंतर के आधार पर इंग्लैंड अंक तालिका में शीर्ष पर है। भारत के दो गोल के मुकाबले इंग्लैंड के पांच गोल हैं। मेजबान टीम को लक्ष्य तक पहुंचने के लिए पेनल्टी कार्नर की समस्या से बहार निकलना होगा। मेजबान टीम ने नौ पेनल्टी कार्नर जीते हैं लेकिन एक भी गोल सीधे नहीं किया है।
दूसरी ओर वेल्स पर मैच जीतने का कोई दबाव नहीं होगा क्योंकि वह पहले ही इंग्लैंड और स्पेन से हार चुकी है। यहां तक कि अगर वे भारत को हरा देते हैं, जिसकी संभावना नहीं है, और स्पेन ने इंग्लैंड को हरा दिया, तो वेल्स क्रॉसओवर से चूक जाएगा क्योंकि वे गोल औसत से नौ गोल पीछे हैं। भारत को दुआ करनी होगी कि इंग्लैंड स्पेन के खिलाफ हारे या ड्रॉ रहे। पूल डी में शीर्ष पर पहुंचने के लिए भारत को वेल्स को किसी भी अंतर से हराना होगा।
अगर इंग्लैंड ने स्पेन को हरा दिया तो भारत को वेल्स को कम से कम पांच गोल से हराना होगा। इंग्लैंड की जीत के अंतर के आधार पर भारत द्वारा किए गए गोलों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी। दूसरे स्थान पर रहकर भारत का सामना क्रॉसओवर में न्यूजीलैंड और मलेशिया के बीच होने वाले मैच के विजेता से होगा। मिडफील्डर मनप्रीत सिंह ने गुरुवार को अभ्यास सत्र के बाद कहा, “अगर हम अपने पूल में शीर्ष पर रहते हैं तो हमें एक मैच कम खेलना होगा, जो हमारे लिए अच्छा होगा।”
कप्तान हरमनप्रीत हाल के दिनों में सभी टूर्नामेंट में शीर्ष स्कोरर रहे हैं। टोक्यो ओलिंपिक में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन हॉकी के वर्ल्ड कप में संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ मैच के बाद हरमनप्रीत ने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मैं अगले मैच से पेनल्टी कार्नर को कन्वर्ट करना शुरू कर दूंगा।’