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महाकुंभ में जाट CM बनाने की मांग, डूडी बोले- हमारी ताकत 25%, नंबर 1 की कुर्सी से कम नहीं चलेगा

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जयपुर: राजस्थान की राजधानी में विधानसभा चुनावों से पहले जातिगत जनगणना और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को हवा मिल गई है जहां शहर के विद्याधर नगर स्टेडियम में रविवार को जाट महाकुंभ का आयोजन हो रहा है जिसमें बीजेपी-कांग्रेस के अलावा कई पार्टियों के शीर्ष नेता पहुंचे हैं. वहीं महाकुंभ में प्रदेश और दूसरे राज्यों से भी जाट समाज के कई नेता शामिल हुए हैं. महाकुंभ के दौरान जहां राजस्थान में जातिगत जनगणना की मांग की गई वहीं ओबीसी का आरक्षण 21 से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की मांग करते हुए जाट समुदाय के नेताओं ने सियासी दावपेंच चल दिया. वहीं महाकुंभ के दौरान राजस्थान में जाट समाज से मुख्यमंत्री बनाने की भी मांग उठी. इसके अलावा जाट महाकुंभ में जीवों की रक्षा करने का संकल्प लेने के साथ सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का भी आह्वान किया गया.इधर जाट महाकुंभ के दौरान मंच से सियासी ताकत का नजराना भी पेश किया गया जहां बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, सीएम वसुंधरा राजे के बेटे सांसद दुष्यंत सिंह, केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी, सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती, मंत्री हेमाराम चौधरी, विश्वेंद्र सिंह, बृजेंद्र सिंह ओला, रामलाल जाट, लालचंद कटारिया सहित कई नेता मौजूद रहे.

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टांग खिंचाई करेंगे तो कैसे मिलेगी नंबर वन कुर्सी : डूडी

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महाकुंभ में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी ने अपने संबोधन में मंच से राजस्थान में जाट सीएम बनाने की मांग उठाई है. डूडी ने कहा कि अभी दो सीट की बात हो रही थी लेकिन मैं कहता हूं कि नंबर वन सीट क्यों नहीं. डूडी ने कहा कि हमारी संख्या 25 फीसदी है और हम नंबर वन की सीट जो कि मुख्यमंत्री की होती है उससे कम कुछ नहीं चाहिए. डूडी ने कहा कि राजनीति में लोगों को यह कहते हुए भी अब डर लगता है. उन्होंने कहा कि आज मैं मांग करता हूं कि राजस्थान का आने वाला मुख्यमंत्री किसान का बेटा, जाट का बेटा होना चाहिए. वहीं डूडी ने कहा कि हमें गांव-गांव में तेजाजी के मंदिर बनाने चाहिए और जाट समाज के लोगों को आपस में टांग खिंचाई की आदत छोड़नी पड़ेगी उसके बाद ही समाज तरक्की की ओर जा पाएगा.

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जाट समाज को कम ना आंके सरकार : मील

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वहीं राजस्थान जाट महासभा के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील ने संबोधन के दौरान कहा कि जाट महाकुंभ का आयोजन समाज की एकता दिखाने के लिए किया गया है. उन्होंने कहा कि समाज एकजुट हो सकता है लेकिन पावर तो सरकार के पास है और कुछ भी कराने के लिए सरकार के पास जाना पड़ता है लेकिन सरकार जाट समाज को कम आंकने लग गई.मील ने कहा कि यहां सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एक मंच पर मौजूद है और इस हिसाब से समाज को प्रतिनिधित्व मिले हमारी यही मांग है. वहीं मील ने कहा कि 21% आरक्षण को 27% किया जाए और उन्होंने किसानों को एमएसपी, जाट समाज को जमीन आवंटन, वीर तेजा जी और महाराजा सूरजमल की मूर्तियां लगाए जाने की भी मांग की.

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