REPORT TIMES
भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर में मूर्ति लगाने को लेकर बवाल हो गया जहां बुधवार रात 2 बजे तक सड़कों पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और आगजनी की गई. मिली जानकारी के मुताबिक जिले के नदबई इलाके में महाराजा सूरजमल और डॉ. भीमवराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद हो गया जिसके बाद बुधवार रात ग्रामीण सड़कों पर आ गए जिसके बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर आंसू गैस के गोले छोड़े. इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया.दरअसल घटना की शुरूआत बुधवार शाम को जब पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और नदबई विधायक जोगिंदर अवाना ने एक प्रेस वार्ता कर बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति लगाने का ऐलान किया. वहीं इलाके के ताजा हालातों के बारे में जानकारी देते हुए भरतपुर एसपी श्याम सिंह ने बताया कि इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है और अब स्थिति नियंत्रण में है और जल्द ही मामले को सुलझा लिया जाएगा.गौरतलब है कि भरतपुर के कुम्हेर इलाके में आज से करीब 38 साल पहले भी जातीय टकराव देखने को मिला था जो कुम्हेर कांड के नाम से जाना जाता है. इस दौरान हुई जातीय कड़वाहट में जाट और जाटव समुदाय आमने सामने हो गए थे जिसके बाद हुए बवाल में कई लोगों की जानें भी गी थी और इलाके में काफी दिनों तक तनाव बना रहा.
बवाल कहां से शुरू हुआ ?
दरअसल, नदबई नगर पालिका इलाके में 3 जगह मूर्तियां लगाने जा रही थी जिसके लिए पालिका की एक कमेटी ने तय किया कि कुम्हेर चौराहे पर महाराजा सूरजमल, बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और नगर चौराहे पर भगवान परशुराम की मूर्तियों की स्थापना करवाई जाएगी. वहीं कुछ स्थानीय लोग बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने को लेकर अड़ गए और धरना देना शुरू कर दिया.
वहीं लोगों के धरने पर कल पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह पहुंचे और समझाइश करने के बाद शाम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बैलारा चौराहे पर बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और डेहरा मोड चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाई जाएगी, बस इस ऐलान के बाद लोग बिफर गए. इधर 14 अप्रैल को बैलारा चौराहे पर वहां के विधायक जोगिंदर अवाना डॉ. भीमराव अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना करना चाह रहे हैं लेकिन जाट समाज का कहना है कि बैलारा चौराहे पर वह महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाना चाहते है.
चुनावों के नजदीक जातियों के बीच कड़वाहट!
दरअसल जातियों के वर्चस्व के हिसाब से बंटे राजस्थान के हर जिले में अपने आराध्य की मूर्ति को लेकर लोग काफी संवेदनशील होते हैं. ऐसे में मूर्ति लगाने को लेकर विवाद होते देर नहीं लगती है. इसके अलावा नदबई विधायक जोगिंदर अवाना बसपा से कांग्रेस में आए हैं और स्थानीय लोगों में उनके खिलाफ पार्टी से गद्दारी करने की वजह से लंबे समय से नाराजगी थी जो चुनावों से पहले फिर ताजा है. वहीं अब अवाना की जीत में अहम भूमिका निभाने वाला एससी वोटबैंक चुनावों में उनका खेल बिगाड़ सकता है. वहीं इधर महाराजा सूरजमल जाटों के आराध्य माने जाते हैं और मंत्री विश्वेंद्र सिंह की डीग-कुम्हेर इलाके में जाट वोटबैंक पर अच्छी खासी पकड़ है. ऐसे में मूर्ति को लेकर जातियों का आपसी संघर्ष चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है. हालांकि जिले की नदबई विधानसभा में पिछले कई दिनों से मूर्ति स्थापना को लेकर विरोध चल रहा था जहां जाट समाज के लोग बैलारा चौराहे पर महाराजा सूरजमल की मूर्ति लगाने के लिए धरना दे रहे थे.
चुनावों से 7 महीने पहले खेल शुरू!
इसके अलावा भरतपुर को करीब से देखने वाले कुछ लोगों का कहना है कि भरतपुर राजपरिवार की पूर्व सदस्य राजा मान सिंह की बेटी पूर्व मंत्री कृष्णनेन्द्र कौर दीपा नदबई से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती है और विश्वेंद्र सिंह और कृष्णनेन्द्र के बीच रिश्तों में तल्खियां भी हैं.
वहीं नदबई से कांग्रेस में शामिल हुए बसपा विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना को लेकर स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि विधायक ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता, फिर कांग्रेस में चले गए और बहुजन समाज पार्टी के एससी वोटबैंक के साथ गद्दारी की. चुनावों में अवाना को सबक सिखाने की चर्चा भी चल रही है.