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चिड़ावा। शहर की कॉलेज रोड के पास पोद्दार पार्क स्थित सनातन आश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा व्यास वाणी भूषण पण्डित प्रभु शरण तिवाड़ी ने प्रवचन देते हुए कहा कि धर्म श्रद्धा और आस्था पर टिका है। लेकिन वर्तमान में दाढ़ी बढ़ाकर गलत आचरण करने वाले धर्म के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना रहे हैं। लेकिन आखिर में सत्य ही विजय हासिल करता है। ईश्वर का नाम आप किसी भी परिस्थिति में लें, ईश्वर आपकी भक्ति के वश में चले आते हैं।
अजामिल जैसा अधम व्यक्ति ने भी जीवन के अंतिम क्षणों में अनजाने में अपने बेटे नारायण को पुकारा और मृत्यु के बाद मोक्ष पाकर भगवान नारायण के धाम को प्राप्त किया। ईश्वर की महिमा अपार है। उनको पाने के लिए श्रद्धा होनी जरूरी है। जीवन का अंतिम लक्ष्य ईश्वर को पाना ही है।
ये लक्ष्य सभी को लेकर चलना चाहिए। कथा के प्रारंभ में कस्तूरी चंद फतेहपुरिया परिवार के अरुण संगीता गुप्ता ने आचार्य पंडित नरेश जोशी के सानिध्य में विद्वान पंडितों के मंत्रोच्चार के मध्य भागवत ग्रंथ, शुकदेव और कथा व्यास का पूजन किया। इसके बाद पंडितों का तिलकार्चन किया गया। कथा व्यास तिवाड़ी ने वामन अवतरण प्रसंग की भी विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान अपने भक्त के मन में अहंकार का वास नहीं रहने देते। कथा के दौरान काफी महिला और पुरुष श्रद्धालु मौजूद रहे।
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