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चिड़ावा- सिंघाना पचेरी बीओटी राेड पर टाेल अवधि खत्म हाेने के बावजूद प्रशासन की ओर से काेई फैसला नहीं लिए जाने के कारण 12 दिन बाद भी जनता से अवैध टाेल वसूली हाे रही है। पीडब्ल्यूडी एक महीने से कागजाें में उलझा हुआ है। मीटिंग दर मीटिंग रिव्यू हाे रहा है। पिछले एक महीने में टाेल परिचालन समूह तीन मीटिंग कर चुका है।
मंगलवार को परिचालन समूह की बैठक में एक बार फिर टोल अवधि तीन माह बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। वहीं सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने तत्काल टाेल वसूली बंद करने की सिफारिश की है। हालांकि अंतिम निर्णय एंपावर्ड कमेटी को करना है। बता दें कि पिछले एक माह में टोल परिचालन समूह की तीन बैठकें हो चुकी हैं। पिछली बैठक में टोल अवधि घटाने का निर्णय लिया था और इस बार बढ़ाने का लिया है।
चिड़ावा- सिंघाना पचेरी बीओटी राेड पर टाेल संबंधी मामले काे लेकर रिव्यू मीटिंग हुई है। काेविड फर्स्ट, काेविड सैकंड व किसान आंदाेलन के दाैरान हुई क्षतिपूर्ति के लिए टाेल अवधि तीन महीने बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। फाइनल डिसीजन एंपावर्ड कमेटी की बैठक में जयपुर हाेना है। – शंकरलाल जाट, कार्यवाहक एसई पीडब्ल्यूडी, झुंझुनूं
इधर, 33 मिनट चली बैठक में परिचालन समूह ने अवधि 3 माह बढ़ाने की अनुशंसा की
मुख्य अभियंता के आदेश पर मंगलवार काे पीडब्ल्यूडी कार्यालय में टाेल परिचालन समूह की मीटिंग हुई। बैठक सुबह 11 बजे हाेनी थी। परिचालन समूह के चार सदस्याें में से तीन सदस्य निर्धारित समय पर पहुंच गए थे, लेकिन एडीएम जेपी गाैड़ डेढ़ घंटे से अधिक देरी पर 12.35 पर पहुंचे। उनके आने के बाद टाेल समयावधि पर चर्चा हुई।
महज 33 मिनट तक चली बैठक में सदस्याें ने 18 दिन पहले हुई रिव्यू मीटिंग के अपने फैसले काे बदलते हुए तीन मुद्दाें पर टाेल अवधि बढ़ाने की अनुशंसा की। जिसमे काेविड फर्स्ट, काेविड सैकंड तथा किसान आंदाेलन में प्रभावित हुए टाेल कलेक्शन काे आधार बताते हुए टाेल अवधि बढ़ाने की अनुशंसा की। मीटिंग में पीडब्ल्यूडी के कार्यवाहक एसई शंकरलाल जाट व खेतड़ी एक्सईएन प्रहलाद सिंह देवठिया, एडीएम जेपी गाैड व टाेल कंपनी एसपीसी चेतक टाेलवेज प्राइवेट कंपनी के संचालक शुभकरण चाैधरी शामिल हुए।
यह रिव्यू का फैसला एंपावर्ड कमेटी के पास जयपुर भेजा जाएगा। जहां पर फाइनल निर्णय हाेना है। गौरतलब है कि इससे पहले परिचालन समूह की 21 अप्रैल को हुई बैठक में टोल अवधि 258 दिन कम करने और 29 अप्रैल को टोल बंद करने की सिफारिश की थी, लेकिन उसे एंपावर्ड कमेटी ने मंजूर नहीं किया। इसके बाद एंपावर्ड कमेटी के फैसले का हवाला देते हुए चीफ इंजीनियर ने फिर से टोल परिचालन समूह की बैठक बुलाकर रिव्यू करने के आदेश दिए थे। इसके तहत मंगलवार को बैठक हुई।