Report Times
latestOtherकरियरकार्रवाईक्राइमटॉप न्यूज़ताजा खबरेंधर्म-कर्मपश्चिम बंगालबिहारमहाराष्ट्रस्पेशल

कोल्हापुर के मदरसे में पढ़ने वाले 63 बच्चे ट्रक में ठूंसे मिले, बिहार और बंगाल से आए थे, तलब हुए मौलाना

REPORT TIMES 

Advertisement

कोल्हापुर: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक ट्रक के अंदर ठूंस कर भरे हुए 63 बच्चों के मिलने से खलबली मच गई है. ये सारे बच्चे बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा से लाए गए थे. इन बच्चों के आधार कार्ड और पहचान पत्र बरामद किए जा चुके हैं. पूछताछ और जांच में पता चला कि वे पास ही एक मदरसे में पढ़ते हैं. गर्मी की छुट्टी में वे अपने-अपने गांव गए थे. वहां से वे ट्रेन से रेलवे स्टेशन तक पहुंचे थे. इसके बाद उन्हें ट्रक में लाद कर ले जाया जा रहा था.इन बच्चों से संबंधित मदरसे का पता लगा लिया गया है. उस मदरसे के मौलाना को पुलिस ने तलब किया है. इतनी बड़ी तादाद में बच्चों के ट्रक में पाए जाने की घटना को लेकर पुलिस पूछताछ और जांच शुरू है. शुरुआती जानकारियों के मुताबिक उन बच्चों को मदरसे में भेजा जा रहा था. कुछ हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों को जब इस बारे में पता चला उन्होंने पुलिस से संपर्क किया. जब उन बच्चों की जांच पड़ताल की गई तो उनके पास से मिले कागजातों को खंगाला गया तो पता लगा कि उनमें से अधिकतर बच्चे पश्चिम बंगाल व बिहार से आ रहे थे.

Advertisement

Advertisement

मदरसे में पढ़ते हैं ये सारे बच्चे, मौलाना को बुलाकर पूछताछ शुरू

Advertisement

जिस मदरसे में ये सारे बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं, उसके मौलाना ने यह कबूल कर लिया है कि ये बच्चे उनके मदरसे के हैं. उन्होंने यह भी साफ किया है के ये बच्चे गर्मी की छुट्टी बिताने अपने-अपने गांव गए थे. वहीं से यह ट्रेन से रेलवे स्टेशन लौटे थे. ट्रक में इन सभी को अंदर भर कर वापस मदरसा ले जाया जा रहा था. कोल्हापुर के डिप्टी एसपी मंगेश चव्हाण ने भी यह साफ किया है कि ये बच्चे कोल्हापुर के एक मदरसे में पढ़ाई करते हैं और गर्मी छुट्टी बिताकर अपने मूल गांव से वापस लौटे हैं.

Advertisement

बच्चों को इस तरह ट्रक में भरे जाने का मतलब क्या, मदरसे का मकसद क्या?

Advertisement

सवाल यह है कि स्थानीय प्रशासन को इसकी कोई भनक नहीं है कि जिले के मदरसे में इतनी बड़ी तादाद में बच्चे ट्रक में ठूंस कर क्यों लाए जा रहे थे? संबंधित मदरसा इस बच्चों से क्या करवाना चाह रहा था? बच्चों को इस तरह ले जाने से कोई हादसा हो सकता था. बच्चों को सांस लेने की तकलीफ हो सकती थी. पूछताछ में एक साथ इतने सारे बच्चों को ट्रक के अंदर पाए जाने से जु़ड़े कई तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं.

Advertisement
Advertisement

Related posts

राजस्थान के झालावाड़ में एक और दलित युवक की हत्या, पत्थर से कुचलकर मार डाला, ग्रामीणों का शव लेने से इनकार

Report Times

पति-पत्नी ने खुद की जगह 3 को बनाया ‘स्टेफनी टीचर’! 5 साल तक नहीं गए स्कूल, लेते रहे सैलरी

Report Times

चिड़ावा : भगिणिया आज होगा जीर्णाेद्धार का शुभारंभ

Report Times

Leave a Comment