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औरंगजेब से जुड़े विवादों के बीच उसके मकबरे पर पहुंचे प्रकाश आंबेडकर, अब क्या करेंगे उद्धव ठाकरे

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छत्रपति संभाजीनगर: बाबासाहेब आंबेडकर के पोते, वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रमुख, उद्धव ठाकरे की शिवसेना के अलायंस पार्टनर प्रकाश आंबेडकर शनिवार (17 जून) को औरंगजेब के मकबरे पर पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने औरंगजेब की कब्र पर फूल चढ़ाए और शीश झुकाए. ऐसा करके उन्होंंने पहले से ही चल रहे औरंगजेब से जुड़े विवाद को हवा दे दी है और अपने सहयोगी उद्धव ठाकरे को टेंशन में डाल दिया है. ऐसा करके उन्होंने बीजेपी को यह मौका दे दिया है कि वे उद्धव ठाकरे से सवाल करें.बीजेपी जरूर उद्धव से यह पूछेगी कि राहुल गांधी और कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने सावरकर का किया अपमान, आप नहीं बोले, अब आपके छत्रपति शिवाजी महाराज के महाराष्ट्र में आपके परम मित्र प्रकाश आंबेडकरने किया औरंगजेब का सम्मान, अब बोलेंगे?

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गालियां देनी हैं तो जयचंद को दो, औरंगजेब को क्यों- प्रकाश आंबेडकर

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छत्रपति संभाजीनगर (औरंगाबाद) से 24 किलोमीटर दूर खुल्ताबाद में औरंगजेब का मकबरा है. यहां आकर प्रकाश आंबेडकर ने कहा, ‘औरंगजेब ने भारत में 50 से ज्यादा साल तक राज किया है. क्या इस हकीकत को मिटा सकते हैं?  अगर गालियां ही देनी हैं तो जयचंद को दीजिए, औरंगजेब को क्यों? जयचंदों की वजह से ही बाहरी ताकतें ताकतवर हुईं. औरंगजेब का क्या दोष? औरंगाबाद तुगलक काल से दूसरी राजधानी रही है.’

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मैं सीएम होता तो औरंगजेब के नाम पर दंगे नहीं होते, होते तो,दबा देता- आंबेडकर

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जब पत्रकार ने सवाल किया कि हाल ही में औरंगजेब से जुड़े विवादों की वजह से राज्य में दंगे हुए हैं. फिर भी आप औरंगजेब के मकबरे में आकर उनके प्रति अपना सम्मान जता रहे हैं. इससे आपको नहीं लगता क्या कि आप विवादों को हवा दे रहे हैं? इस पर प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि, ‘मैं अगर मुख्यमंत्री होता तो दंगे होते ही नहीं. यह सरकार दंगे रोकने में असफल हुई है. मेरे रहते अगर दंगे होते, तो मैं दो दिनों में दबा देता. विवादों को बढ़ने दिया जाता है, इसलिए वे बढ़ते हैं.’

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कहां गया छत्रपति शिवाजी महाराज का महत्व? कहां गया उद्धव ठाकरे का हिंदुत्व?

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बता दें कि प्रकाश आंबेडकर लगातार महाविकास आघाड़ी में चौथे पार्टनर बन कर घुसना चाह रहे हैं. लेकिन कांग्रेस और एनसीपी उन्हें आघाड़ी का पार्टनर बनाने को तैयार नहीं हैं. ऐसे में उनका गठबंधन फिलहाल उद्धव ठाकरे के साथ ही हुआ है. उद्धव ठाकरे की शिवसेना का अस्तित्व ही, उसका आरंभ ही, उसका विकास ही छत्रपति शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी महाराज के नाम पर हुआ है. प्रकाश आंबेडकर अगर उनके दुश्मन औरंगजेब की कब्र पर सर झुकाते हैं तो वाकई में बीजेपी को सवाल करने का मौका दे देते हैं. ऐसे में बीजेपी उद्धव ठाकरे से जरूर पूछेगी- कहां गया छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम का महत्व, कहां गया भगवा और हिंदुत्व ?

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शरद पवार ने प्रकाश आंबेडकर को बताया BJP की B टीम

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प्रकाश आंबेकर के बारे में शरद पवार ने कल (16 जून, शुक्रवार) ही जलगांव दौरे के वक्त पत्रकारों को संबोधित करते हुए यह बयान दिया था कि वे बीजेपी की बी टीम हैं. आज प्रकाश आंबेडकर औरंगजेब के मकबरे में जाकर उद्धव ठाकरे के लिए पेंच निर्माण कर चुके हैं. जिस औरंगाबाद का नाम छत्रपति संभाजी नगर करने की लड़ाई बालासाहेब ठाकरे ने शुरू की थी और उद्धव ठाकरे की आखिरी कैबिनेट मीटिंग में औरंगजेब के नाम की निशानी हटा कर औरंगाबाद शहर को छ्त्रपति संभाजी नगर करने का प्रस्ताव पास किया गया था. इसके बाद शिंदे-फडणवीस सरकार ने केंद्र की बीजेपी सरकार से शहर का नाम छत्रपति संभाजी नगर करवाया. अब उद्धव ठाकरे के पार्टनर प्रकाश आंबेडकर अगर औरंगजेब की कब्र पर जाकर सर झुकाएंगे तो जाहिर सी बात है कि उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. ऐसे में क्या शरद पवार का आंबेडकर को लेकर बयान सही है? यह अहम सवाल है.

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