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आम आदमी का भोजन ‘दाल फ्राई’ इन दिनों आम नहीं रहा है. इसकी वजह पहले तो दाल का महंगा होना, दाम लगभग 200 रुपये किलो तक पहुंच जाना है. फिर दाल फ्राई में पड़ने वाले टमाटर का भाव 150 रुपये किलो हो जाना और अब प्याज के दाम भी चढ़ना है. इस बीच सरकार का कहना है कि टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी सीजनल है, जबकि दालों की महंगाई को कम करने के लिए जल्द इनका आयात शुरू किया जाएगा. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालस के सचिव रोहित सिंह ने शुक्रवार को कहा कि टमाटर के दामों में बढ़ोतरी सीजनल है और ये जल्द कम होंगे. वहीं सरकार 12 लाख टन दाल का इंपोर्ट करने जा रही है, जिसका असर बाजार में दिखने लगेगा और अगस्त तक दालों के दाम नीचे आ जाएंगे.
सरकार के पास प्याज का बफर स्टॉक
रोहित सिंह का कहना है कि टमाटर की नई फसल कुछ समय बाद ही बाजार में होगी. इसलिए इसके दामों में बढ़ोतरी सीजनल है और ये जल्दी नीचे आने लगेंगे. ठीक इसी तरह प्याज के भाव को लेकर भी सरकार चिंतित नहीं है, सरकार के पास डेढ़ लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है, जिसे सरकार मार्केट में उतार सकती है.हालांकि बाजार में प्याज की नई फसल आनी शुरू हो गई है. देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में प्याज के दामों में 3 दिन के अंदर 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो चुकी है.
खुले आजार में बेचेगी तुअर दाल
यूं तो देशभर में दालों की कीमत आसमान छू रही है. ऐसे में सरकार ने कीमतों को नीचे लाने के लिए दाल के इंपोर्ट का तो फैसला लिया ही है. वहीं सरकार ने भरोसा दिलाया कि तुअर दाल की कीमतें भी जल्द नीचे आएंगी, क्योंकि सरकार खुले बाजार में 50,000 टन दाल बेचने जा रही है. सरकार ने सामानों की बढ़ती महंगाई के लिए ई-कॉमर्स कंपनियों को भी चेतावनी दी है.